नई दिल्ली। शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है। शायद यही वजह है कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार में सबसे कम निवेश करते हैं। शेयर ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 14 फीसदी भारतीय ही शेयर बाजार में निवेश करते हैं। वहीं, शेयर बाजार में निवेश के मामले में सबसे ऊपरी पायदान पर अमेरिका है। अमेरिका के 45.5 फीसदी लोग शेयर बाजार में मोटे रिटर्न पाने के लिए निवेश करते हैं।
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अमेरिका के बाद स्पेन, कनाडा और चीन का स्थान है। रिपोर्ट में चीन, ताइवान और भारतको छोड़कर सभी देशों के कैलेंडर वर्ष 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी परिवारों में जोखिम लेने की क्षमता दुनिया के अन्य प्रमुख देशों की तुलना में अधिक है। कनाडा और स्पेन दो अन्य देशहैं जहां के लोगों ने अपनी कुल संपत्ति का एक तिहाई से अधिक बाजार में लगा रखा है।
सेबी के नए नियम के बाद शेयर निवेशक के डीमैट खाते में ही रहेंगे। ब्रोकर इन सिक्योरिटी या शेयर का दुरुपयोग नहीं कर सकेगा। एक क्लाइंट के शेयर को गिरवी रखकर दूसरे क्लाइंट की मार्जिन बढ़ाना उनके लिए संभव नहीं होगा।
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कोरोना महामारी के कारण घर में बंद युवाओं से भारतीय शेयर बाजार को बड़ा सहारा मिला रहा है। पूजी बाजार नियामक सेबी के डाटा के अनुसार, अप्रैल से लेकर 30 जून तक 24 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं। वहीं, बीते छह महीने में 39 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं जिससे कुल खातों की संख्या बढ़कर 4.32 करोड़ हो गई है। रिपोर्ट से यह साफ पता चला है कि मौजूदा समय में शेयर बाजार में दिलचस्पी लेने में सबसे आगे वो युवा निवेशक हैं।