टेस्ट क्रिकेट के करीब डेढ़ सौ साल के इतिहास में अनगिनत रिकॉर्ड बने हैं, टूटे हैं और फिर बने हैं। लगभग हर मैच के साथ नया रिकॉर्ड बन जाता है। कुछ मामलों में रिकॉर्ड दोहराए जाते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड शनिवार 5 जून को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में दोहराया गया, जहां इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जा रहा है। इस मैच के चौथे दिन इंग्लैंड की पहली पारी सिर्फ 275 रनों पर सिमट गई, जिसमें टीम के ओपनर रॉरी बर्न्स ने सबसे ज्यादा 132 रन बनाए। बर्न्स आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए और उनके विकेट के साथ ही 70 साल पुराने एक रिकॉर्ड की पुनरावृत्ति हो गई।
लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन इंग्लैंड की बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा गई। दिन की शुरुआत सिर्फ 2 विकेट खोकर 111 रनों से शुरू करने वाली इंग्लिश टीम पहली पारी में 275 रन ही बना सकी। इस तरह वह न्यूजीलैंड से 103 रन पीछे रह गई। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में डेवन कॉनवे के रिकॉर्ड दोहरे शतक की मदद से 378 रन बनाए थे। न्यूजीलैंड की पारी में कॉनवे भी आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज थे और बर्न्स के भी आखिर में आउट होने से एक पुराना रिकॉर्ड दोहराया गया।
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कॉनवे और बर्न्स ने दोहराया 70 साल पुराना इतिहास
असल में क्रिकेट इतिहास में ये सिर्फ दूसरा मौका है, जब किसी टेस्ट मैच में दोनों टीमों की पहली पारी में सलामी बल्लेबाज ने आखिर तक बैटिंग की हो। न्यूजीलैंड के लिए डेब्यू कर रहे कॉनवे ने भी ओपनिंग करते हुए 200 रन बनाए और आखिर में आउट हुए। इसी तरह बर्न्स ने भी ओपनिंग करते हुए 132 रन बनाए और 10वें विकेट के रूप में आउट हुए।
बता दे इस मैच से पहले 1951 में यानी करीब 70 साल पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मैच के दौरान ये कमाल हुआ था। एडीलेड में हुए उस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहली पारी में ओपनर आर्थर मॉरिस 206 रन बनाकर अंतिम विकेट के रूप में आउट हुए थे। फिर इंग्लैंड की पहली पारी में ओपनर लेन हटन ने शानदार 156 रन बनाए थे और अंत तक आउट नहीं हुए थे।