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तीन साल के मासूम के साथ दुष्कर्म के प्रयास में 75 साल के बुजुर्ग को सात साल की कैद

उत्तर प्रदेश में बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 75 साल के एक बुजुर्ग को तीन साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में सात साल की सजा सुनायी है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार शुक्ला ने शनिवार को थाना भमौरा के एक गांव के निवासी अशफाक अहमद (75) उर्फ अल्लाह रक्खा को मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की कोशिश का अभियुक्त करार देते हुये सात साल की कैद और 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है। अशफाक अहमद पड़ोसी की बेटी को दुलार करने के बहाने अपने घर की छत पर ले जाकर दुष्कर्म की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था ।

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सरकारी वकील सुरेश बाबू साहू ने बताया कि मासूम के पिता ने अशफाक अहमद के खिलाफ थाना भमौरा में रिपोर्ट लिखाई थी जिसमें कहा गया था कि पड़ोस में रहने वाले अशफाक की दुकान पर उनकी तीन साल की बेटी जाया करती थी।

अशफाक उसे अक्सर गोद में उठाकर दुलार करने की कोशिश करता था, लेकिन उसकी हरकतें कुछ ऐसी थी कि मासूम के पिता ने अपनी बेटी को भी खिलाने पिलाने या दुलार करने से मना कर रखा था।

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इसके बावजूद एक अक्टूबर 2010 को मासूम के पिता की नजर बचाकर अशफाक अहमद उसे बंदर दिखाने के बहाने अपनी छत पर ले गया। कुछ ही देर बाद मासूम बेटी का पिता भी कुछ लोगों के साथ पीछे-पीछे उसकी छत पर पहुंचे तो उन्होंने 65 साल के बुजुर्ग को दुष्कर्म करने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया। अदालत में 10 साल तक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से सरकारी वकील ने 11 गवाहों को पेश किया। सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने कहा कि यह घटना समाज को स्तब्ध करने वाली है।

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