• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

84 घाट, 15 लाख दीप और लाख टके की बात

Writer D by Writer D
30/11/2020
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, धर्म, वाराणसी, विचार
0
dev deepawali

dev deepawali

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सियाराम पांडेय ‘शांत’

84 घाट, 15 लाख दीप और लाख टके की बात। यह नजारा है काशी का जहां बतौर प्रधानमंत्री अपने  संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 23वीं बार पहुंचे नरेंद्र मोदी ने केवल देव दीपावली का पहला दीप ही नहीं जलाया। उन्होंने विकास का भी दीप जलाया और आस्था का भी। किसानों के प्रबोधन का भी दीप जलाया और विपक्षी दलों पर अपनी आक्रामकता का भी । अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को उन्होंने जहां करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी,वहीं अपने विरोधियों पर भी जमकर हमला बोला।

काशी में देव दीपावली इस साल भी सोल्लास मनाई गई। काशी में गंगा के सभी 84 घाटों पर तकरीबन 15 लाख दीप जलाए गए। पहला दीप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलाया। यह पहला अवसर है जब देव दीपावली पर किसी प्रधानमंत्री ने शिरकत की और इतनी बड़ी तादाद में दीपक जलाए गए । काशीवासियों का संकल्प था कि वे इस बार अयोध्या से भी भव्य दीपावली मनाएंगे और ऐसा हुआ भी।

यूं तो काशी में शताब्दियों से देव दीपावली मनाई जा रही है लेकिन पिछले कुछ सालों से खासकर योगी आदित्यनाथ के शासन में काशीवासी अभूतपूर्व उत्साह के साथ देव दीपावली मना रहे हैं। अयोध्या में लंका विजय के बाद वहां के लोगों ने स्वत: दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत किया था लेकिन काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान की परंपरा स्वयं काशीपुराधिपति भगवान शिव के आदेश पर शुरू हुई थी।  काशी में देव दीपावली प्रतीक है त्रिपुरासुर पर भगवान शिव के विजय का। तैंतीस कोटि देवता आज काशी में आते हैं और भगवान शिव तथा मां गंगा की पूजा करते  और दिवाली मनाते हैं। पुराणों में कथा आती है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण किया था।

पीएम मोदी ने कहा- महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही काशी

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था और इस तिथि को प्रकाश उत्सव के रूप में  मनाने की घोषणा की थी। यही वजह है कि हर वर्ष देवता काशी में आकर देव दीपावली मनाने लगे। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। गंगा या किसी पवित्र नदी के पास पूर्णिमा की रात्रि में दीप जलाने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।  इसकी वजह है कि जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में सो जाते हैं तो माता लक्ष्मी भी जल में निवास करने लगती हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर जलाए गए दीपक के प्रकाश से प्राणी के भीतर छिपी तामसी प्रवृत्ति नष्ट होती है और मन में सात्विक भावों का जन्म होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है। ब्रह्मा जी का अवतरण भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही हुआ था।

भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागरण से प्रसन्न होकर समस्त देवी-देवता ने पूर्णिमा को लक्ष्मी-नारायण की महाआरती की थी। वह दिन कार्तिक पूर्णिमा का ही था। कार्तिक माह भगवान कार्तिकेय द्वारा की गई साधना का माह  है। ऐसा कहा गया है कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में श्रीकेशव के निकट अखण्ड दीपदान करता है, वह दिव्य कान्ति से युक्त हो जाता है। जो लोग कार्तिक मास में श्रीहरि के मन्दिर में रखे दीपों को प्रज्वलित करते हैं, उन्हें नर्क नहीं भोगना पड़ता है। काशी और गंगा के तो दर्शन से ही मुक्ति मिल जाती है। मतलब कार्तिक पूर्णिमा जिस तरह अनेक संयोगों से युक्त है, उसी तरह इस बार का देव दीपावली कार्यक्रम भी अनेक संयोगों का समाहार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो गंगा, काशी और काशी विश्वनाथ तीनों ही के दर्शन किए हैं। दीपक भी जलाए हैं। अपेक्षा की जानी चाहिए कि इससे उनका तो भला होगा ही, देश में भी श्री—समृद्धि की गंगा बहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहला दीप जलाकर किया देव दीपावली का शुभारंभ

प्रधानमंत्री ने नये कृषि कानून को लेकर किसानों के बीच उपजी आशंकाओं और भ्रांतियों के लिए विपक्ष को जिम्मेवार ठहराया। वहीं विपक्ष के छल और अपनी गंगा जल जैसी नीयत का इजहार कर उन्होंने भारतीय राजनीति में एक नई बहस का सूत्रपात भी किया। उन्होंने  दावा किया कि उनकी सरकार गंगा जल जैसी पवित्र नीयत से काम  कर रही है  जिसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं । वाराणसी संसदीय क्षेत्र के मिर्जामुराद के खजुरी में 2,447 करोड़ रुपये की हंडिया—राजातालाब राष्ट्रीय राज मार्ग परियोजना के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के साथ दशकों से  छल किया जा रहा था। पिछली सरकारों के कार्यकाल में किसानों को तरह-तरह के धोखे दिये जा रहे थे। कभी फसलों के न्यूनतम मूल्य दिलाने के नाम पर तो कभी सिंचाई परियोजनाओं के नाम पर और कभी किसानों के बकाया ऋण माफ करने के नाम पर। किसान हमेशा छला गया, इसलिए उसका इस सरकार के प्रति भी सशंकित होना स्वाभाविक है। नये कानून से किसानों को आगामी समय में देश के सभी छोटे-बड़े किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा लेकिन जो लोग किसानों के साथ छल करते रहे, अब वे निरंतर भ्रम फैला रहे हैं। उनसे किसानों को सावधान रहने की जरूरत है।

नये कृषि क़ानूनों पर  किसानों की किसी भी तरह की आशंका को दूर करने का सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। इस प्रकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। अपने 40 मिनट के भाषण में  प्रधानमंत्री ने अगर 26 मिनट तक किसानों के मुद्दे पर ही बात की तो उसके अपने राजनीतिक निहितार्थ हैं।

वाराणसी के दशहरी और लंगड़ा आम की तारीफ करना भी वे नहीं भूले। उन्होंने किसानों को लगे हाथ यह बताने और जताने की कोशिश भी की कि अगर वे लेन—देन के पुराने तौर—तरीके ही अपनाना चाहते हैं तो उन पर भी कहीं कोई रोक नहीं लगी है। नया कानून उनके लिए फायदेमंद है। इसमें  उन्हें और आजादी दी गई है। वे अपने उत्पाद को देश में कहीं भी बेच सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूर्व की सरकारों ने कितनी खरीदारी की और भाजपा सरकार ने कितनी खरीदारी की। यह भी समझाया कि अगर मंडियों को ही खत्म करना होता तो वे उन्हें इतना मजबूत क्यों बनाते? उनकी योजना तो मंडियों को और अधिक अत्याधुनिक बनाने की है।

प्रधानमंत्री ने एक ओर जहां देव दीपावली के माध्यम से अपने विरोधियों के मंसूबों को विफल करने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर  वे अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के उत्साह के भी सहभागी बने। पहली बार उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है। अब तो मां गंगा उन्हें बार—बार बुलाती है। इससे उनका भी कल्याण होता है और उनके संसदीय क्षेत्र का भी। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह देव दीपावली काशी को भी विकास की बहुत बड़ी ऊंचाई देगी।

Tags: dev deepawalidev deepawali 2020pm modiup news in hindivaranasi newsकाशी में देव दीपावलीदेव दीपावलीदेव दीपावली 2020
Previous Post

पीएम मोदी ने कहा- महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही काशी

Next Post

पत्रकार हत्याकांड: पहले शराब पिलाई फिर सैनिटाइजर डालकर जिंदा जला दिया, 3 आरोपी गिरफ्तार

Writer D

Writer D

Related Posts

Sunscreen
फैशन/शैली

सनस्क्रीन से चेहरा दिखने लगता है सफेद और चिपचिपा, तो फॉलो करें ये टिप्स

29/09/2025
aloo-paneer koftas
खाना-खजाना

नवरात्रि के भोजन में बनाए स्वादिष्ट आलू-पनीर के कोफ्ते

29/09/2025
Kaner
धर्म

कनेर का पौधा इस दिशा में लगाएं, घर में होगा सुख-समृद्धि और संपन्नता का आगमन

29/09/2025
Camphor
धर्म

किस्मत के बंद दरवाजे खोलता है कपूर का ये उपाय, दूर होगी घर से दरिद्रता

29/09/2025
Aarti
धर्म

इस मंत्र के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा, जानें इसका महत्व

29/09/2025
Next Post
Journalist murder case

पत्रकार हत्याकांड: पहले शराब पिलाई फिर सैनिटाइजर डालकर जिंदा जला दिया, 3 आरोपी गिरफ्तार

यह भी पढ़ें

sea has become red with blood

यहां खून से लाल हो गया समुद्र का पानी, वजह जानकार रह जाएंगे दंग

30/06/2021
low hemoglobin

हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

13/06/2021
uttrakhand satr

सदन में विपक्ष ने उठाई लाठीचार्ज और महंगाई पर चर्चा की मांग

02/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version