नई दिल्ली| 26 अक्टूबर को मुंबई विश्वविद्यालय के डिसेटेंस एजुकेशन विंग के रेगुलर विद्यार्थियों का री-एग्जाम कराया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग बीए एंड बी कॉम के पाठ्यक्रम में पंजीकृत कुल 10,000 में से 84.07 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग (आईडीओएल) के बयान के मुताबिक विश्वविद्यालय ने सभी इंतजाम किए हैं ताकि विद्यार्थियों का और नुक्सान न हो। पिछले दिनों 6 राउंड में हुए मॉक-टेस्ट में कुल 8000 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और वे ऑनलाइन परीक्षा में बैठने के लिए तैयार हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि जिन विद्यार्थियों ने 3 से 6 अक्टूबर के दौरान हुई पिछले सत्र की परीक्षा को पूरा किया था उन्हें इस सत्र की परीक्षा में बैठना अनिवार्य नहीं है।
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अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई पहले सत्र की परीक्षा के बाद परीक्षाओं को तकनीकी खामियों के चलते री-शेड्यूल किया गया था। इस खराबी की वजह से बी.कॉम तीसरे वर्ष के 9000 विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे।
गौरतलब है कि री-शेड्यूल की गई पुरानी परीक्षाएं गूगल फॉर्म के माध्यम से 19, 20 और 21 अक्टूबर को ली गयी थीं। जो परीक्षाएं आज से शुरू होनी थीं वो अब नए सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से कराई जाएंगी। विश्वविदियालय ने पिछले हफ्ते ये जिम्मेदारी ने सर्विस प्रोवाइडर सौंपी है।
तकनीकी खराबी होने के बाद ‘लिटिल मोर इनोवेशन लैब्स’ का टेंडर वापस ले लिया गया था। इसके बाद अब पुणे के ‘स्पलैशगेन टेक्नोलॉजी सोल्यूशन्स’, नामक सर्विस प्रोवाइडर को आगे की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।