गाजियाबाद। साइबर सैल (Cyber cell) की टीम ने बुधवार को लोन दिलाने के नाम पर लोगों को लाखों का चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार (arrested) किया है और उनके कब्जे से जिनकी निशानदेही पर 10 मोबाइल, 9 फर्जी आधार कार्ड, 32 चेक, तीन मैजिक पैन, लैपटॉप, कार, स्कूटी बरामद किये हैं।
खास बात यह है कि यह गिरोह लोन दिलाने के नाम पर कैंसिल चेक को फ्रिक्शन पैन (मैजिक पैन) की मदद से कैश करा ल लेते थे। चेक को पहले मैजिक पैन से कैसिंग कराते थे, फिर रबड़ या आग की मदद से उस इंक को साफ कर खातों से पैसा निकाल लेते थे। यह गिरोह अब तक 400 से अधिक लोगों से करीब 80 से 90 लाख रूपए की ठगी कर चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक (क्राइम) दीक्षा शर्मा ने बताया कि साइबर सेल के पास के नाम पर ठगी की पांच शिकायतें आई थीं। की गई जांच में पता चला कि यह ठगी 5 लोगों के साथ नहीं बल्कि 400 से अधिक लोगों के साथ विभिन्न जिलों में हो चुकी है। साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार, एसआई अशोक कुमार की टीम ने बुधवार दोपहर राजनगर एक्सटेंशन से बीए पास सुनील शर्मा निवासी साया गोल्ड शिप्रा इंदिरापुरम, रजनीकांत शुक्ला निवासी निवइया प्रयागराज को गिरफ्तार किया।
एसपी क्राइम ने बताया कि आरोपी साथी के साथ मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनाकर उससे फर्जी सिम लेते थे। लोन दिलाने के नाम पर प्रचार के लिए विजिटिंग कार्ड छपवाते थे। फिर उन विजिटिंग कार्ड को लोगों से बटवाते थे। जब कोई लोन के लिए उन्हें फोन करता तो घर जाकर लोन से संबधित सभी दस्तावेज ले लेते थे। उन दस्तावेजों में बैंक की स्टेटमेंट भी होती थी। जिससे उन्हें पता चल जाता था कि बैंक में कितने रूपए रखे हुए है।
जिसके बाद आरोपित उनसे चैक को लेते थे और चेक को मैजिक पैन से कैसिंल कराते थे। फिर कैसिंग चैक की इंक को रबड़ व आग की लौ से मिटा देते थे। बाद में चेक को अपने नाम से भरकर खाते से रूपए निकाल लेते थे। रूपए निकालने से पहले अपने शिकार को गुमराह करने के लिए उनका दो से तीन घंटे मोबाइल बंद या फिर कॉल को फोन पर फारवर्ड करवा देते थे। जिससे उनके मोबाइल पर रूपए निकालने का मैसेज न पहुंच सकें। खाते से रूपए निकालने के बाद अपने फोन को फेंक देते थे। उसके बाद अगले शिकार की तैयारी के लिए नई आईडी और नए फोन सिमकार्ड के साथ ठगी का काम शुरू कर देते थे। उन्होंने बताया पकड़े गये आरोपियों ने दिल्ली, एनसीआर, मेरठ समेत विभिन्न राज्यों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया है।
आरोपी सुनील शर्मा वर्ष 2019 में सिविल लाइन मेरठ से पूर्व में जेल जा चुका है। जेल जाने से पूर्व उसका दुसरा गिरोह था, लेकिन जेल से छूटने के बाद आरोपी नया गिरोह तैयार किया और फिर ठगी करने लगा।