लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं के लिए टोल फ्री नंबर 1912 ने नया रिकार्ड स्थापित किया है। प्रदेश सरकार की ओर से शुरू हुए टोल फ्री नंबर पर एक करोड़ से अधिक शिकायतें आई हैं। उनमें से 99.5 फीसदी का समाधान किया गया है। इस टोल फ्री नंबर पर उपभोक्ता बिजली से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या की शिकायत कर सकते हैं या सुझाव दे सकते हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि. द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल 2017 से अब तक इस टोल फ्री नंबर पर पूरे प्रदेश से बिल, मीटर, कनेक्शन, विद्युत आपूर्ति, विद्युत चोरी एवं सुझाव आदि संबंधी एक करोड़ 11 लाख 74 हजार 861 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से एक करोड़ 11 लाख 18 हजार 534 शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। अगर प्रतिशत में बात करें तो 1912 पर अब तक मिली शिकायतों को 99.5 प्रतिशत तक निवारण कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने इस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
उपभोक्ताओं की समस्या हल होने तक रहें संपर्क में
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 1912 टोल फ्री नंबर को और प्रभावी एवं क्रियाशील बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि टोल फ्री नंबर शीघ्र उठे और उपभोक्ता की समस्या हल होने तक उसके संपर्क में रहें। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार का गठन होने के बाद से ही बिजली से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया गया है।
दक्षिणांचल में सबसे ज्यादा शिकायतों का निस्तारण
यूपीपीसीएल के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1912 पर दक्षिणांचल डिस्कॉम से 16 लाख 40 हजार 339 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें 16 लाख 36 हजार 335 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया। यहां निस्तारण का प्रतिशत 99.76 प्रतिशत रहा और महज 4004 शिकायतें ही फिलहाल लंबित हैं। इसी तरह, मध्यांचल में 52 लाख 26 हजार 012 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 52 लाख 05 हजार 500 (99.61 प्रतिशत) का निस्तारण हो गया। पश्चिमांचल में 13 लाख 26 हजार 502 शिकायतें मिलीं और 13 लाख छह हजार 067 (98.46 प्रतिशत) का निवारण हो गया। पूर्वांचल में 29 लाख 73 हजार 974 शिकायतों में 29 लाख 62 हजार 609 (99.62 प्रतिशत) और केस्को में 8034 शिकायतों में से 8023 का निस्तारण कर दिया गया।
बिल से संबंधित 100 प्रतिशत शिकायतों का निदान
बिजली बिल से संबंधित शिकायतों के मामले में पूरे प्रदेश में कुल नौ लाख 56 हजार 073 शिकायतें प्राप्त हुईं जिसमें 100 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया। सबसे ज्यादा शिकायतें मध्यांचल (530315) में दर्ज हुईं, जबकि पूर्वांचल में एक लाख 84 हजार 831, दक्षिणांचल में एक लाख 55 हजार 546 और पश्चिमांचल में 85 हजार 381 शिकायतें दर्ज की गईं। कहीं भी कोई शिकायत लंबित नहीं है। वहीं, मीटर से संबंधित 11 लाख 67 हजार 500 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें 97.28 प्रतिशत यानी 11 लाख 35 हजार 779 का निदान कर दिया गया। दक्षिणांचल में 1747, मध्यांचल में 9895, पश्चिमांचल में 12 हजार 126, पूर्वांचल में 8448 और केस्को में मात्र पांच शिकायतें ही लंबित हैं।
स्मार्ट मीटर, आपूर्ति से संबंधित शिकायतों पर भी हुआ एक्शन
इसी तरह पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर संबंधी 56 हजार 256 शिकायतें प्राप्त हुईं। इसमें 55 हजार 921 यानी 99.40 प्रतिशत का समयबद्ध निस्तारण किया गया। कनेक्शन से संबंधित तीन लाख दो हजार 976 शिकायतें प्राप्त हुईं। इसमें तीन लाख 518 (99.19 प्रतिशत) शिकायतों का निस्तारण किया गया। विद्युत आपूर्ति से संबंधित 74 लाख 96 हजार 696 शिकायतों में से 99.98 प्रतिशत यानी 74 लाख 95 हजार 070 शिकायतों पर एक्शन लिया गया। सेवा से संबंधित 11 हजार 285 शिकायतों में से 10 हजार 809 यानी 95.78 प्रतिशत पर कार्रवाई की गई। इसी तरह सूचना या सुझाव संबंधी 10 लाख 79 हजार 080 कॉल आईं जिनमें 99.49 प्रतिशत को निस्तारित किया गया।
बिजली चोरी पर मध्यांचल पर सबसे ज्यादा एक्शन
1912 पर बिजली चोरी से संबंधित 10 हजार 4995 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इसमें 90804 शिकायतों का निस्तारण किया गया। यह कुल शिकायतों का 86.48 प्रतिशत रहा। सबसे ज्यादा मध्यांचल में शिकायतों का निपटारा किया गया। यहां बिजली चोरी से जुड़ी कुल 50 हजार 690 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनका भी 89.86 प्रतिशत निस्तारित किया गया।
इसी तरह पश्चिमांचल में 19 हजार 867 शिकायतें मिलीं और 14 हजार 121 (71.08 प्रतिशत) का निदान किया गया। इसी तरह, दक्षिणांचल में 92.56 प्रतिशत और पूर्वांचल में 88.54 प्रतिशत शिकायतों पर कार्रवाई की गई। केस्को में 100 प्रतिशत बिजली चोरी की शिकायतों पर कार्रवाई की गई।