• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रावण ने ज्योतिर्लिंग के लिए किया था घोर तप लेकिन नहीं ले जा पाया था लंका

Desk by Desk
30/07/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
0
ज्योतिर्लिंग

ज्योतिर्लिंग

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक वैद्यनाथ भी है। यह बिहार प्रांत के सन्थाल परगने में स्थित है। मान्यता के अनुसार, इसकी प्रसिद्धि शास्त्र और लोक दोनों में ही है। पुराणों के अनुसार, जो मनुष्य इस ज्योतिर्लिंग का दर्शन करात है उसे हर पाप से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। हर ज्योतिर्लिंग की तरह इस ज्योतिर्लिंग के पीछे भी एक पौराणिक कथा है जिसका वर्णन हम यहां कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इस कथा के बारे में।

एक बार राक्षसराज रावण ने भगवान शिव के दर्शन प्राप्त करने के लिए हिमालय पर जाकर घोर तपस्या की। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उसने अपने सिरों को एक-एक कर काटना शुरू कर दिया। इसी तरह रावण ने अपने सभी नौ सिरों को काटकर शिवलिंग पर चढ़ा दिया। जैसे ही रावण अपना अंतिम सिर यानी दसवां सिर काटने जा रहा था उसी समय भगवान शिव प्रसन्न होकर उसके समझ प्रकट हो गए और रावण को अपना दसवां सिर काटने से रोक लिया। यही नहीं, शिव जी ने उसके बाकी के नौ सिरों को भी पहले जैसा ही जोड़ दिया। साथ ही रावण से वर मांगने को कहा।

रावण ने भगवान शिव से उनका शिवलिंग अपनी लंका में ले जाने की अनुमति मांगी। शिव जी ने उसे वरदान दे दिया। साथ ही एक शर्त भी रखी किलंका ले जाते समय शिवलिंग को घरती पर न रखा जाए। अगर रास्ते में कहीं पर भी शिवलिंग को भूमि पर ले जाया जाता है तो उसे फिर उठा नहीं पाओगे। रावण ने शिव जी की बात मानी और शिवलिंग लेकर लंका की ओर चल दिया। इसके बाद रास्ते में उसे लघुशंका जाना पड़ा। उसने एक व्यक्ति को शिवलिंग थमाया और लघुशंका चला गया। व्यक्ति को वह शिवलिंग बहुत भारी लगा। वह उसे संभाल नहीं पाया और विवश होकर उसने शिवलिंग को भूमि पर रख दिया।

जब रावण वापस आया तक उसने शिवलिंग को जमीन पर रखा देखा। उसने शिवलिंग को उठाने की बहुत प्रयास किया लेकिन उठा न सका। आखिरी में थक हारकर उसने पवित्र शिवलिंग पर अपने अँगूठे का निशान बना दिया। इसके वो शिवलिंग को वहीं छोड़कर लंका लौट गया। इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु आदि देवता वहां आए और उन सभी ने शिवलिंग का पूजन किया। तभी इसे इस ज्योतिर्लिंग को श्रीवैद्यनाथ के नाम से जाना जाता है।

Tags: 12 Jyotirlinga of ShivaBaba Baidyanath TempleBaidyanath JyotirlingaLifestyle and Relationshiplord shivaज्योतिर्लिंग
Previous Post

ब्राजील में फूटा कोरोना बम, पिछले 24 घंटों में 69,074 नए मामले

Next Post

भूमि पूजन के दिन, हरे और केसरिया रंग की नवरत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे रामलला

Desk

Desk

Related Posts

Azam Khan
Main Slider

मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन अब तो… आजम खान का छलका दर्द

03/10/2025
Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
potato momos
खाना-खजाना

इस डिश का नाम सुनते ही खुशी के मारे उछलने लगेंगे बच्चे, बनाना भी है बेहद आसान

03/10/2025
Dosa
खाना-खजाना

सबका मन मोह लेगी ये डिश, फिर इसके लिए हमेशा रहेंगे तैयार

03/10/2025
chutney
खाना-खजाना

बोरिंग लंच-डिनर को टेस्टी बना देगी ये चटनी, नोट करें रेसिपी

03/10/2025
Next Post
रामलला

भूमि पूजन के दिन, हरे और केसरिया रंग की नवरत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे रामलला

यह भी पढ़ें

SBI debit card

अगर आपका भी SBI कार्ड चोरी या खो गया है, तो ऐसे करें ब्लॉक

16/03/2021
चमगादड़ बीमार होने पर आइसोलेशन

चमगादड़ बीमार होने पर कर लेते है खुद को आइसोलेट, जानिए इस रहस्य की वजह

23/07/2020
IPS Anirudh Singh

वाराणसी घूसकांड: IPS अनिरुद्ध जांच में दोषी, वीडियो कॉल के जरिए मांगी थी 20 लाख रिश्वत

16/06/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version