लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि एकीकृत वेब पोर्टल पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने के साथ प्रवासी भारतीयों को उनकी जड़ों से जोड़ने में मददगार साबित होगा।
श्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर पोर्टल का शुभारंभ करते हुये कहा कि एकीकृत वेब पोर्टल युवाओं एवं कामगारों को रोजगार और नौकरी, प्रवासी भारतीयों को उनकी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ उनकी समस्याओं के समाधान में मददगार होगा। यह इन्वेस्ट यूपी के तहत पूंजी निवेश को बढ़ाने और प्रवासी भारतीयों की क्षमता, योग्यता और ताकत के अनुसार प्रदेश के विकास में भागीदार बनने और उनके साथ आत्मिक संवाद करने का मंच बनेगा।
उन्होने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय कई देशों में 100 या अधिक वर्षों से निवास कर रहे हैं। उनकी तीन-चार पीढ़ियां वहां पर रही हैं। ऐसे लोग अपनी जड़ों से जुड़ने के साथ-साथ प्रदेश में निवेश के इच्छुक हैं। इन लोगों को एकीकृत वेब पोर्टल से मदद मिलेगी। यह वेब पोर्टल पर्यटन की सम्भावनाओं को भी असीमित विस्तार देगा। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को देश व प्रदेश का ब्राण्ड एम्बेसडर बताते हुए कहा कि अधिकतर प्रवासी नागरिक प्रदेश में अपनी जन्मभूमि, गांव व परिवार के अन्य सदस्यों से जुड़े हुए हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में रोजगार के लिये जाने वाले कामगारों में सर्वाधिक भागीदारी उत्तर प्रदेश की है। इन कामगारों एवं प्रवासी भारतीयों की विभिन्न समस्याएं-भूमि विवाद, पैतृक निवास स्थान पर परिजनों का उत्पीड़न, संकटकाल में फंसे प्रवासी भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी, विदेश में रोजगार नियोक्ता द्वारा शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न, भर्ती एवं पारगमन आदि रहती हैं। नवनिर्मित वेब पोर्टल इस प्रकार की आनलाइन प्राप्त शिकायतों व समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने में सहायक सिद्ध होगा।
एन.आर.आई. विभाग के एकीकृत पोर्टल का लोकार्पण करते मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी… https://t.co/VZCbpSwgT0
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 24, 2020
उन्होने कहा कि 15वें प्रवासी भारतीय दिवस-2019 का वृहद आयोजन सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में पिछले साल जनवरी में किया गया था, जिसमें 7,500 से अधिक प्रवासी भारतीयों की सहभागिता रही। इन प्रवासी भारतीयों ने वर्ष 2019 में आयोजित प्रयागराज कुम्भ को भी देखा और सराहा। इन आयोजनों से उत्तर प्रदेश के विषय में प्रवासी भारतीयों में अच्छी धारणा विकसित हुई। इन आयोजनों को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश के प्रवासी नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की क्षमता और ताकत भारत का संबल है। प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन ने प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश में उनकी जड़ों से जोड़ने का कार्य किया है।
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श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2013 में आयोजित कुम्भ में 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे, जबकि वर्ष 2019 में आयोजित कुम्भ में 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व तीर्थ यात्री सम्मिलित हुए। ऐसा कुम्भ के आयोजन की सुव्यवस्थाओं और उत्तर प्रदेश की अच्छी इमेज के कारण सम्भव हो सका। इससे पर्यटन की सम्भावनाओं को विस्तार मिला।
उन्होंने कहा कि अयोध्या के दीपोत्सव, बरसाने की होली, काशी की देव दीपावली के आयोजन प्रारम्भ किए गए। इनसे उत्तर प्रदेश में पर्यटन बढ़ा और लोगों की धारणा बदली। यह सभी आयोजन जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे और इससे उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के श्रमिक व कामगार भी यहां की बहुत बड़ी ताकत हैं। कोविड-19 की महामारी के दौरान जब उन पर संकट आया, तब राज्य सरकार ने मजबूती के साथ उनके हितों और कल्याण के लिए कार्य किया। अब यह श्रमिक व कामगार यहां पर रहकर उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि 40 लाख से अधिक कामगार व श्रमिक देश के अन्य हिस्सों तथा विदेश से वापस उत्तर प्रदेश में आए। इनकी ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ प्रदेश को मिल रहा है। विभिन्न देशों में रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश मूल के प्रवासी कामगारों के डाटा बेस का समावेश वेब पोर्टल में किया जाएगा, जिससे किसी प्रकार की असुविधा होने पर इन कामगारों को सहयोग व सहायता प्रदान की जा सके।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए निवेश प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से इस वेब पोर्टल को निर्मित किया गया। पहले प्रवासी भारतीयों का कोई डाटा बेस नहीं था। अब यह सम्भव हो सकेगा। प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन की दिशा में विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और निवेशोन्मुखी नीतियों का विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों में प्रचार-प्रसार इस वेब पोर्टल के माध्यम से हो सकेगा।
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श्री सिंह ने कहा कि इस वेब पोर्टल को उद्योग बन्धु, एमएसएमई, टूरिज्म, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग, गृह, राजस्व, औद्योगिक विकास, कौशल विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा सूचना विभाग के पोर्टल से लिंक किया गया है, जिससे इन विभागों की नीतियों व शासनादेशों से प्रवासी भारतीय लाभान्वित हो सकेंगे। इस वेब पोर्टल में ‘एनआरआई’ कनेक्ट का एक लिंक भी है, जिसमें निवेश से जुड़े विभिन्न विभाग शामिल रहेंगे।