कानपुर| कोरोना को लेकर परेशान लोगों ने वर्तमान की जगह भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास तेज कर दिया है। यही कारण है सोने-चांदी के दामों में तेजी के बाद भी लोग न तो सोना-चांदी खरीद रहे हैं और न ही गिरवी रखकर बदले में ऋण ले रहे हैं।
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अप्रैल व मई में सोना-चांदी बेचने वालों की संख्या तुलनात्मक रूप से जुलाई से अगस्त के बीच मात्र 30 से 35 फीसदी ही रह गई है। गोल्ड लोन कंपनियों और पांच बड़े बैंकों से अप्रैल व मई में करीब 2600 लोगों ने गोल्ड लोन लिया था।
बाजार में सोने के दो भाव ने परेशानियों को और बढ़ा दिया है। कैश और चेक से खरीदे गए सोने में 2000 रुपए प्रति दस ग्राम तक का अंतर है। इसका सबसे बड़ा कारण तस्करी से आने वाला सोना है। म्यानमार और बांग्लादेश से तस्करी का सोना बड़े पैमाने पर आ रहा है।
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राजेन्द्र शुक्ला, वरिष्ठ सदस्य, यूपी सराफा एसोसिएशन बताते है कि बाजार में लिक्विडिटी नहीं है। जब पेमेंट नहीं आ रहा है तो व्यापारी खरीदना नहीं चाहता। चेक से लेने और कैश खरीदने पर सोने के भाव अलग-अलग हैं। दोनों में करीब दो से ढाई हजार रुपए दस ग्राम का अंतर है।