नई दिल्ली| वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2021 तक भारत उभरते बाजारों में सबसे अधिक कर्ज बोझ वाली अर्थवयवस्थाओं में शामिल होगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय गणित का बड़े उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव होगा और अगले कुछ सालों तक उनका कर्ज बोझ काफी ऊंचा होगा।
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मूडीज का कहना है कि उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़े प्राथमिक घाटे की वजह से उनका कर्ज बोझ 2019 के मुकाबले 2021 तक प्रतिशत 10 अंक तक बढ़ सकता है। इनमें से कुछ पर ऊंचे ब्याज भुगतान का भी बोझ होगा जिससे उनका कर्ज बोझ और बढ़ेगा।
मूडीज ने कहा कि बड़े उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका का कर्ज बोझ सबसे ज्यादा हो सकता है। एजेंसी ने कहा है कि कमजोर वित्तीय प्रणाली और आकस्मिक देनदारियों के चलते भारत, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के लिये यह जोखिम ज्यादा है।