• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शिक्षक दिवस : भारत के 9 ऐसे युवा TEACHERS की कहानी जिन्होंने शिक्षा में लाया क्रांतिकारी बदलाव

Desk by Desk
04/09/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, शिक्षा
0
Teachers Day 2020

Teachers Day 2020

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

कब-क्यों मनाया जाता – प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। ‘गुरु’ का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। इस दिन समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

आज हम भारत के 9 ऐसे युवा TEACHERS की कहानी से आपको रुबरु करेंगे, जिन्होने शिक्षा में  लाया क्रांतिकारी बदलाव

#बाबर अली

नौ साल की उम्र से पढ़ा रहे बाबर अली

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले बाबर अली ने उस उम्र से शिक्षक की भूमिका निभानी शुरू कर दी, जिस उम्र में लोग खुद पढ़ना सीखते हैं। जी हां! बाबर अली 9 वर्ष की उम्र से लोगों को पढ़ा रहे हैं। आज 23 साल के हो चुके बाबर अली किसी तरह से बनाए अपने स्कूल में 300 से ज्यादा गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस काम के लिए उन्होंने 6 शिक्षकों को भी रखा है।

#आदित्या कुमार

जहां छात्र दिखे वहीं क्लास लगा देते हैं साइकिल वाले गुरुजी

teachers day

‘साइकिल गुरुजी’ के नाम से मशहूर साइंस ग्रेजुएट आदित्य कुमार शिक्षा के सच्चे वाहक और प्रसारक हैं। ये शिक्षा को उन जगहों तक पहुंचाते हैं, जहां तक स्कूलों की पहुंच नहीं। आदित्य हर रोज अपनी साइकिल पर सवार होकर 60-65 किलोमीटर सफर करके लखनऊ के आस-पास के इलाकों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं। स्वयं एक गरीब परिवार में जन्मे आदित्य 1995 से यह अनोखा कार्य कर रहे हैं। आदित्य अपने साथ साइकिल पर ही एक बोर्ड लेकर घूमते हैं। जहां उन्हें कुछ छात्र मिलकर रोक लेते हैं, वे वहीं बैठकर पढ़ाने लगते हैं।

सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला

#राजेश कुमार शर्मा

दिल्ली के मेट्रो ब्रिज के नीचे है राजेश कुमार शर्मा का स्कूल

‘अंडर द ब्रिज स्कूल’ के संस्थापक राजेश कुमार शर्मा दिल्ली के एक मेट्रो ब्रिज के नीचे लगभग 200 बच्चों का स्कूल लगाते हैं। उनके छात्र आस-पास की बस्तियों में रहने वाले बच्चे हैं, जिन्हें अपनी गरीबी के कारण कभी स्कूल जाने का सौभाग्य नहीं मिला। इनके स्कूल में भले ही कोई इमारत, कुर्सी या अन्य सुविधाएं न हों लेकिन बच्चों को शिक्षा अच्छी तरह दी जाती है। यह स्कूल इन्होंने 2005 से शुरू किया। कभी-कभी यहां कुछ चर्चित शख्सियतों को भी बुलाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि राजेश कुमार पेशे से कभी शिक्षक नहीं रहे।

#सुपर 30 वाले आनंद कुमार

बिहार के पटना जिले में रहने वाले शिक्षक आनंद कुमार न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के बीच एक चर्चित नाम हैं। इनका ‘सुपर 30’ प्रोग्राम विश्व प्रसिद्ध है। इसके तहत वे आईआईटी-जेईई के लिए ऐसे तीस मेहनती छात्रों को चुनते हैं, जो बेहद गरीब हों। 2018 तक उनके पढ़ाए 480 छात्रों में से 422 अब तक आईआईटीयन बन चुके हैं। आनंद कुमार की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि डिस्कवरी चैनल भी उन पर डॉक्यूमेंट्री बना चुका है। उन्हें विश्व प्रसिद्ध मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड युनिवर्सिटी से भी व्याख्यान का न्योता मिल चुका है।

#सिर्फ एक रुपया गुरुदक्षिणा वाले आरके श्रीवास्तव

बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आरके श्रीवास्तव  देश मे मैथेमैटिक्स गुरू के नाम से मशहूर है । चुटकुले सुनाकर खेल खेल में जादूई तरीके से गणित पढाने का तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढाते हैं, सैकङों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी,एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानो मे पहुँचाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड मे भी आरके श्रीवास्तव का नाम दर्ज है।

SBI लेकर आया ग्राहकों के लिए नई सुविधा, अब घर बैठे उठाएं इन सर्विसों का फायदा

रास्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके है आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्य शैली की प्रशंसा। इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज अभियान अद्भुत, अकल्पनीय है। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने लिये  450 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घंटे गणित पढा चुके है। सैकङों से अधिक बार इनके शैक्षणिक कार्यशैली की खबरे देश के सारे प्रतिष्ठित अखबारों में छप चुके हैं, विश्व प्रसिद्ध गूगल ब्वाय कौटिल्य के गुरु के रूप मे भी देश इन्हें जानता है।

सामान्य ज्ञान  के टेस्ट परीक्षा में  पुछे जाते है बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू से संबंधित प्रश्न, क्या आपको पता है इसका  उत्तर –

प्रश्न—- बिहार के उस वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर मैथेमैटिक्स  गुरू का नाम बताये जो सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर पढाते है गणित।

इससे पहले भी कई बार अलग अलग तरीकों से GK के किताबो और टेस्ट परीक्षाओ में आरके श्रीवास्तव के बारे में  प्रश्न पुछे जा चुके है। गूगल ब्वाय कौटिल्य पंडित के बिहारी गुरु का नाम क्या है , पाईथागोरस थ्योरम को 52 से ज्यादा तरीका से सिध्द करने वाले बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू का नाम बताये ऐसे भी प्रश्न कई बार पुछे जा चुके है।

कोई आरके श्रीवास्तव ऐसे ही नही बन जाता, आरके श्रीवास्तव होने का मतलब-  कड़ी मेहनत , उच्ची सोच एवं पक्का ईरादा

आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स के सपनो को पंख देने वाले का नाम है आरके श्रीवास्तव । आरके श्रीवास्तव  अब लाखो युवायो के राॅल मॉडल बन चुके हैं। बिहार के ये  शिक्षक ने  अपने कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और उच्ची सोच के दम पर ही शीर्ष स्थान को प्राप्त कर लिया है।  देश के टॉप 10 शिक्षको में  भी  बिहारी शिक्षक का नाम आ चूका है। ये गणित के शिक्षक है, परन्तु इनके शैक्षणिक कार्यशैली  एक दशको से चर्चा का बिषय बना हुआ है।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के भांजे के साथ लूट, पुलिस महकमे में हड़कंप

बिहार सहित आज पूरे देश की दुआएं  आरके श्रीवास्तव को मिलता हैं ।  विदेशो में  भी इन  बिहारी शिक्षकों के पढाने के तरीको को भरपूर पसंद किए जाते हैं।  उन सभी देशों में भी इनके शैक्षणिक कार्यशैली को  पसंद किए जाते हैं, जहां पर भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं।

मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव  का व्यक्तित्व सरल है।  पिता के गुजरने के बाद अपने पढ़ाई के दौरान गरीबी के कारण उच्च शिक्षा में होने वाले परेशानियो को नजदीक से महशूस किया है। ये बिहारी शिक्षक बताते है की पैसो के आभाव के कारण हमें बड़े बड़े शैक्षणिक संस्थानो में  पढने का सौभाग्य नही मिला। लेकिन हम वैसे जरूरतमंद स्टूडेंट्स के सपने को पंख दे रहे जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है, जो आज के समय के कोचिंग की लाखो फी देने में  सक्षम नही है परन्तु उनका सपना बड़ा है।आरके श्रीवास्तव सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर गणित का गुर स्टूडेंट्स को सिखाते है। ये  शिक्षक सैकड़ों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी,एनआईटी,बीसीईसीई,

एनडीए सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानो मे दाखिला दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके है। आरके श्रीवास्तव के कबाड़ की जुगाड़ से प्रैटिकल कर गणित पढाने का तरीका और नाइट क्लासेज अभियान( लगातार 12 घंटे पूरी रात गणित पढाना) पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है । वर्ल्ड बुक ऑफ  रिकॉर्डस में भी दर्ज हैं आरके श्रीवास्तव का नाम,

आरके श्रीवास्तव अपने सफ़लता का श्रेय अपनी मां आरती देवी को देते है । माँ के संघर्षों ने अपने लाडलो को बनाया मैथेमैटिक्स गुरू,

निश्चित रूप से  आरके श्रीवास्तव को देश का वर्तमान में सबसे बड़ा शिक्षक माना  सकता है। जो हिन्दूस्तान को विश्व गुरू बनाने में अपना योगदान नि:स्वार्थ दे रहे।

सुशांत केस में बड़ा खुलासा, रिया ने शोविक को लिखा- ‘वो एक दिन में चार बार स्मोक करता है…’

आप आरके श्रीवास्तव के  पढाने के  तरीके और उनके बातो को कहीं भी सुन लें। तब समझ आ जाएगा कि वे अपनी स्टूडेंट्स के सफ़लता को लेकर कितने गंभीर रहते हैं। वे हमेशा जीतने वाले छोङते नही और छोड़ने वाले जीतते नही जैसी बाते अपने स्टूडेंट्स को बताते है। अभी हाल ही में आनंद कुमार की जीवनी पर बॉलीवुड ने सुपर 30 फिल्म बनाया, आनंद कुमार के संघर्ष को हृतिक रोशन ने अपने अभिनय से पूरी दुनिया को दिखाया।  कैसे एक पापड़ बेचने वाले ने सैकड़ों गरीब स्टूडेंटस के सपने को दिया पंख। आपको बताते चले की आनंद कुमार की तरह ही बिहार के आरके श्रीवास्तव की कहानी है, एक आँटो रिक्शा वाले आरके श्रीवास्तव ने  मैथेमैटिक्स गुरू बन सैकङो निर्धन परिवार के स्टूडेंट्स के सपने को लगा दिया पंख।

आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ ऑफ़ रिकॉर्डस लंदन , इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है । रास्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके हैं बिहार के आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली कार्यशैली की प्रशंसा

#रोशनी मुखर्जी का चलता है ऑनलाइन स्कूल

बैंगलुरु से ताल्लुक रखने वाली डिजिटल टीचर रोशनी मुखर्जी न तो कहीं पढ़ाने जाती हैं, न उन्होंने कोई स्कूल खोल रखा है। इसके बावजूद वे हजारों स्टूडेंट्स की फेवरेट टीचर हैं। असल में रोशनी ने अपना ऑनलाइन एजूकेशन प्लेटफॉर्म बना रखा है, जिसका लाभ हजारों विद्यार्थी उठा रहे हैं। ये अपने वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड करती हैं, जिनकी मदद से स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। उन्हें अपने विद्यार्थियों से लगातार फीडबैक भी मिलता है।

एनसीबी की टीम ने रिया चक्रवर्ती के आवास पर की छापेमारी, सैमुअल मिरांडा गिरफ्तार

#अलख पांडेय

यूट्यूब सोशल मीडिया का वो प्लेटफॉर्म जो कई लोगों की सक्सेस का मंत्र बन रहा है. इसी यूट्यूब से भारत का एक लड़का अपने देश में तो फेमस हो ही गया है लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी उसके लाखों फैन बन गए हैं.

हम बात कर रहे हैं यूट्यूब के फिजिक्स वाले अलख पांडे की. जिन्होंने महज दो सालों में देश-विदेश में अपनी पहचान बना ली है. यूपी के प्रयागराज के अलख पांडे ने अपने शानदार काम से पाकिस्तान में तो धूम मचाई ही है साथ में नेपाल, बांग्लादेश और सऊदी अरब के स्टूडेंट्स और युवा भी इनके फैन बन गए हैं।

पेशे से अलख पांडे यूट्यूब पर फ्री फिजिक्स और केमिस्ट्री कोचिंग के वीडियो डालते हैं. एक तरह से अलख लाखों बच्चों को फिजिक्स और केमिस्ट्री की फ्री ऑनलाइन कोचिंग देते हैं. महज 2 सालों में उनके यूट्यूब चैनल के सब्सक्राइबर 19 लाख से ज्यादा हो चुके हैं. अलख की पोपुलरिटी का आइडिया आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके एक वीडियो पर 22 मिलियन व्यूज हैं. इसी के साथ अब अलख दुनिया के सबसे फेमस ऑनलाइन टीचरों में शामिल हो गए हैं. जेईई-मेन्स, जेईई-एडवांस्ड, इंजीनियरिंग एंटरेंस इग्जाम के साथ ही नीट, मेडिकल एंटरेंस की तैयारी करने वाले देश-दुनिया के औसतन 2 करोड़ 20 लाख स्टूडेंट हर महीने उनके वीडियो देखते हैं. अलख का फिजिक्स समझाने का जो तरीका है स्टूडेंटस उसे ज्यादा पसंद करते हैं।

पुरुषों की पहली पसंद होती है T-Shirt, पहनते समय इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी

#ममता मिश्रा

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ममता मिश्रा के पढ़ाने के तरीकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने प्रभावित हुए की उन्होंने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की और बाद में उनकी हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा था।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के ही विकासखंड चाका स्थित एक सरकारी माध्यम परिषदीय विद्यालय में बतौर शिक्षिका अपनी सेवाएं दे रही ममता मिश्रा के पढ़ाने के तरीकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने प्रभावित हुए की उन्होंने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की और बाद में उनकी हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा था।

सुशांत केस : CBI ने जारी किया बयान, कहा- मीडिया में चल रही खबरें काल्पनिक

आज ममता मिश्रा की सरकारी स्कूल के बच्चों को क्षेत्र के निजी स्कूल के बच्चों के बराबर आंका जाता है। और हो भी क्यों न, ममता का पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि हर-एक बच्चा पढ़ाई में अव्वल है।

#निरंजन झा

बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले दृष्टिहीन शिक्षक निरंजन झा खुद दृष्टिहीन होने के बावजूद भी बच्चों के बीच शिक्षा का दीप जला कर समाज के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं। पूर्णिया शहर के गुलाबबाग शानिमंदिर मोहल्ले में टीन के शेड में गरीबी की दंश झेल रहे 37 वर्षीय दिव्यांग निरंजन झा आज के दिनों में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

लोग निरंजन को मास्टर साहब के नाम से सम्मान के साथ पुकारते हैं। निरंजन ने लुई ब्रेल की कहानी से प्रेरणा ली और ब्रेल लिपि से पढ़ना सीखा। कुछ दिनों तक तो उन्होंने एक स्कूल चलाया लेकिन बाद में घर पर ही ट्यूशन पढ़ाने लगे।

ब्राजील में कोरोना के 24 घंटों में 43,773 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 40.41 लाख के पार

निरंजन ने अपने इस दृष्टिहीन दिव्यांगता को खुद पर कभी हावी नहीं होने दिया और आज तक न हीं कभी अपने परिवार तथा समाज पर बोझ बने। इन्होंने अपने सामने आने वाली हर-एक बाधा को बखूबी अपने अंदाज़ में हल किया। ये अपने अदम्य हौसले की बदौलत समाज में सम्मान के साथ जी रहे हैं।

Tags: Happy TeachersHappy Teachers Day 2020teacher's dayteachers day 2020teachers day special
Previous Post

सुशांत केस में बड़ा खुलासा, रिया ने शोविक को लिखा- ‘वो एक दिन में चार बार स्मोक करता है…’

Next Post

हाथ मिलाने का प्रचलन अब खत्म होने को है, नमस्ते से हो रहा अभिवादन

Desk

Desk

Related Posts

Maulana Tauqeer Raza
Main Slider

बरेली हिंसा: मौलाना तौकीर रजा अरेस्ट, जिले में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश

27/09/2025
'I love Yogi Adityanath' posters put up in Lucknow
Main Slider

‘आई लव मोहम्मद’ के जवाब में लखनऊ में लगे ‘आई लव योगी आदित्यनाथ’ के पोस्टर

27/09/2025
PM Modi launched Swadeshi BSNL 4G Network
Main Slider

अब देश के कोने-कोने में मिलेगा फास्ट इंटरनेट, PM Modi ने लॉन्च किया Swadeshi 4G Network

27/09/2025
CM Yogi
Main Slider

मौलाना भूल गया था कि यूपी में सरकार किसकी है… बरेली बवाल पर बोले योगी आदित्यनाथ

27/09/2025
Five killed in horrific road accident on NH-9 in Gurugram
Main Slider

तेज रफ्तार थार डिवाइडर से टकराई, पांच लोगों की मौके पर मौत

27/09/2025
Next Post
rajnath singh

हाथ मिलाने का प्रचलन अब खत्म होने को है, नमस्ते से हो रहा अभिवादन

यह भी पढ़ें

Maha Kumbh

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

21/11/2024
UP delegation

फ्रैंकफर्ट में उप्र के प्रतिनिधिमंडल ने की भारतीय उद्योग प्रमुखों से मुलाकात

09/12/2022
PM Modi praised the Yogi government

UPITS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की योगी सरकार की सराहना

25/09/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version