• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अनोखा प्रयास : सिर्फ संस्कृत में ही, अदालत में देते हैं दलील, जानें क्या है वजह?

Desk by Desk
04/09/2020
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, वाराणसी
0
सिर्फ संस्कृत में ही दलील Plea in sanskrit only

सिर्फ संस्कृत में ही दलील

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

वाराणसी। देववाणी संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है, लेकिन आज दुनिया के बदलते परिवेश में संस्कृत भाषा की पहचान सिमटती ही चली जा रही है। संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओं में इसकी पहचान सबसे कम बोली जाने वाली भाषा के रूप में है । संस्कृत भाषा को फिर से बोलचाल की भाषा बनाने के लिए काशी के एक वरिष्ठ वकील ने पिछले 42 सालों से अनोखी मुहिम छेड़ रखी है।

वाराणसी के आचार्य श्याम उपाध्याय शायद देश के पहले ऐसे वकील हैं, जो न्यायलय के सारे कामकाज में संस्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं। यह सिलसिला 1978 में शुरू किया था। पत्र लिखने से लेकर कोर्ट में जज के सामने बहस तक का काम वह संस्कृत में करते हैं।

आचार्य श्याम उपाध्याय ने बताया कि बचपन में पिता ने बताया था कि कचहरी में सारा कामकाज हिंदी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा में होता है। संस्कृत का प्रयोग नहीं होता। तभी मैंने अपने मन में ये ठान लिया कि मैं वकील बनूंगा और कचहरी का सारा कामकाज इसी भाषा में करूंगा। 1978 से मैंने कचहरी में हजारों मुकदमे संस्कृत भाषा में ही लड़े हैं और सफलता हासिल की है।

आचार्य श्याम उपाध्याय ने बताया कि जब शुरुआती दौर में वह मुवक्किल के कागजात संस्कृत में लिखकर जज के सामने रखते थे। तो जज भी हैरत में पड़ जाया करते थे। आज भी जब वाराणसी के न्यायालय में कोई नए जज आते हैं तो वह भी हैरत में पड़ जाते हैं।

आचार्य श्याम उपाध्याय ने बताया कि मुकदमे में बहस के दौरान वह कोर्ट में संस्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं। ऐसे में जज अनुवादक की मदद से मेरी कोर्ट में रखी गई दलीलों को सुनते हैं।

वर्तमान दौर में संस्कृत भाषा को फिर से लोगों के बीच आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए उनकी मुहिम जारी है। इसी का नतीजा है कि वह कोर्ट रूम से लेकर बेडरूम तक सिर्फ और सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं।

Tags: give arguments in courtknow what is the reasonPlea in sanskrit onlyUnique AttemptUnique Attempt: Only in Sanskritअदालत में देते हैं दलीलअनोखा प्रयासजानें क्या है वजह?सिर्फ संस्कृत में हीसिर्फ संस्कृत में ही दलील
Previous Post

सीएम योगी बोले-डोर-टू-डोर सर्वे व काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य प्रभावी ढंग से हो

Next Post

देश की खुशहाली और सुरक्षा गायब, सवाल पूछो तो जवाब गायब : राहुल गांधी

Desk

Desk

Related Posts

CM Yogi pays tribute to martyred policemen on Police Memorial Day
उत्तर प्रदेश

अदम्य साहस और बलिदान के प्रतीक बने शहीद निरीक्षक सुनील, मुख्य आरक्षी दुर्गेश और आरक्षी सौरभ

21/10/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

आपदा में हर अन्नदाता किसान के साथ खड़ी है प्रदेश सरकारः सीएम योगी

21/10/2025
CM Yogi
Main Slider

पुलिसकर्मियों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी: मुख्यमंत्री

21/10/2025
Premananda Maharaj
Main Slider

प्रेमानंद महाराज ने अपने शिष्यों संग मनाई दिवाली, आतिशबाजी देख हुए खुश

21/10/2025
Mohammad Kalamuddin
Main Slider

बिहार चुनाव: ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी की नामांकन के बाद गिरफ्तारी से गरमाई सियासत

21/10/2025
Next Post
राहुल गांधी Rahul Gandhi

देश की खुशहाली और सुरक्षा गायब, सवाल पूछो तो जवाब गायब : राहुल गांधी

यह भी पढ़ें

मासूम से खिंचवाया स्‍ट्रेचर

रिश्‍वत न मिलने पर छह साल के मासूम से खिंचवाया स्‍ट्रेचर

20/07/2020
CM Dhami

उत्तराखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर रिपोर्ट सौंपी, मुख्यमंत्री से मिले आयोग अध्यक्ष

27/02/2025
cm pushkar dhami

प्रदेश में उद्योगों को दिया जायेगा बढ़ावा, बनायी जायेगी अनुकुल नीतिः सीएम धामी

02/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version