उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं उपचार की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के साथ-साथ बैकअप की व्यवस्था भी रहनी चाहिए।
श्री योगी ने शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं उपचार की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाय। चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के साथ-साथ बैकअप की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऑक्सीजन निर्धारित मूल्य पर ही उपलब्ध हो। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश मृत्यु की दर कम और रिकवरी दर अच्छी है।
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उन्होंने कहा कि लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, झांसी, अयोध्या, मेरठ तथा गोरखपुर की विशेष माॅनिटरिंग करते हुए इन जिलों में उपचार व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से कानपुर नगर की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब कानपुर नगर में शत-प्रतिशत काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कहा है कि सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के साथ-साथ बैकअप की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऑक्सीजन निर्धारित मूल्य पर ही उपलब्ध हो। pic.twitter.com/7SdKOx58Ga
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 19, 2020
श्री योगी ने कहा कि ई-संजीवनी एप के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही ओ0पी0डी0 सुविधा काफी उपयोगी सिद्ध हो रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग इस सेवा से लाभान्वित हो सके, इसके मद्देनजर ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्हाेंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान जारी रखा जाए। इसके लिए प्रचार के विभिन्न साधनों के साथ-साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम का भी व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाए।
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उन्हाेंने मेडिकल टेस्टिंग, डोर-टू-डोर सर्वे तथा काॅन्टैक्ट ट्रेंसिग के कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाया रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें। पैरामेडिक्स द्वारा मरीजों की गहन माॅनिटरिंग की जाए। एम्बुलेंस सेवाओं को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए।