नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में कर्ज सस्ता होने से थोड़ी राहत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ बचत खाता और एफडी पर ब्याज घटने से कमाई पर भी असर पड़ा है। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई बचत खाता पर महज 2.7 फीसदी ब्याज दे रहा है। वहीं निजी क्षेत्र का दूसरा सबसे बडा़ बैंक आईसीआईसीआई तीन फीसदी ब्याज दे रहा है।
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जबकि छोटे बैंक बचत खाते पर बड़े बैंकों की तुलना में दोगुना से भी अधिक ब्याज दे रहे हैं। ऐेसे में ऊंचा ब्याज हासिल करने के लिए बैंक बदलने में समझदारी है। हालांकि, ऐसा आंख मूंदकर नहीं बल्कि पूरी पड़ताल करने के बाद ही करना चाहिए क्योंकि छोटे बैंकों के साथ कुछ जोखिम भी जुड़ा होता है।
एसबीआई बचत खाता पर तीन फीसदी से भी कम ब्याज दे रहा है तो उसकी शर्तें भी थोड़ी नरम हैं। एसबीआई के बचत खाते में मेट्रो शहरों में न्यूनतम जमा पांच हजार रुपये होनी चाहिए। जबकि छोटे शहरों में इससे भी कम है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक बचत खाते पर तीन फीसदी ब्याज दे रहें हैं लेकिन न्यूनतम जमा की शर्त 10 हजार रुपये है।
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देश के सरकारी और निजी क्षेत्र के बड़े बैंक बचत खाता के साथ एफडी पर ब्याज भले ही कम दे रहे हैं लेकिन उनके साथ सुरक्षा और भरोसा जुड़ा हुआ है। घोटाले या फंसे कर्ज (एनपीए) से जुड़े कई मामले बड़े बैंकों से भी आए हैं। इसके बावजूद उनके जमाकर्ताओं पर कोई असर नहीं हुआ और उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ा है।