लखनऊ। हाथरस में दलित युवती से दुष्कर्म के बाद निर्माम हत्या के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मामले पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने की बात कही है। इस मामले में मायावती ने कहा कि अगर उचित कार्रवाई तभी हो सकती है जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल देगा।
मायावती ने यूपी पुलिस द्वारा दुष्कर्म दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर, बल्कि उनकी गैर-मौजूदगी आधी रात में अंतिम संस्कार कर देने से परिजनों और लोगों में काफी आक्रोश है। मायावती ने उत्तर प्रदेश पुलिस के इस कृत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है।
2. अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2020
उन्होंने कहा, यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। पीड़िता 16 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गई। उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। देर रात बिना घर वालों को सूचना किए उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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पुलिस इस मामले में चारों आरोपितों को जेल भेज चुकी है। आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर हाथरस में प्रदर्शन हुआ। इसके अलावा भी देश के कई हिस्सों में लोगों ने इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं, टीम को 7 दिन में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं।