नई दिल्ली| कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनिया भर के शेयर मार्केट में जो गिरावट आई थी, उससे बाजार पूरी तरह उबरते नजर आ रहे हैं। ज्यादातर शेयर बाजार कोरोना के पहले के दौर में आ चुके हैं या उसके आस-पास हैं। वहीं सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। सर्राफा बाजार में सोना अपने ऑल टाइम हाई से 30 सितंबर तक 5684 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है।
वहीं चांदी सात अगस्त के अपने उच्च शिखर से 16034 रुपये टूट चुकी है। तो क्या गोल्ड कोरोना काल से पहले वाली स्थिति यानी 45000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास आ पाएगा? यदि आपको लग रहा है कि शेयर बाजार में तेजी के साथ सोना और सस्ता होगा, तो आपका अंदाजा गलत भी हो सकता है, ऐसा एक्सपर्ट का मानना है।
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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा कि हाल के दिनों में सोने का भाव ऊंचाई से गिरकर 50,000 रुपये के दायरे में आया है, जबकि चांदी 60,000 रुपये के दायरे में आ चुकी है। आने वाले समय में इनमें उतार- चढ़ाव जारी रह सकता है।
अजय केडिया इस तरह समझाते हैं, 2007 में सोना 9 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास था, जो 2016 में 31 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया था। यानी नौ साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी। यह भी समझना होगा कि जब-जब ब्याज दरें घटती हैं, तब सोने में निवेश बढ़ता है। सोने में ग्रोथ साइकिल में होती है। 2008 से 2013 की साइकिल हो या 2018 से अब तक की साइकिल।