नई दिल्ली। भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अगले महीने नेपाल का दौरा करेंगे। जहां पर उन्हें नेपाल सेना के मानद अध्यक्ष के पद से सम्मानित किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक जनरल नरवणे नवंबर के पहले सप्ताह में तीन दिवसीय दौरे परनेपाल जाएंगे।इस दौरान वे नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, रक्षामंत्री और वहां के आर्मी चीफ से भी मुलाकात करेंगे। उन्हें वहां पर नेपाल सेना का मानद अध्यक्ष का दर्जा दर्जा दिया जाएगा।
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बता दें कि भारत और नेपाल में बरसों पुरानी एक संधि है, जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के आर्मी चीफ को अपने देश में आमंत्रित करते हैं और फिर समारोह के बीच उसे अपनी सेना के मानद अध्यक्ष का दर्जा देते हैं।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी प्रदान करेंगी जनरल की रैंक
नेपाल सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक नेपाल सरकार ने 3 फरवरी 2020 को ही जनरल नरवणे की विजिट को मंजूरी दे दी थी, लेकन उसी दौरान कोरोना की वजह से दोनों देशों में लॉकडाउन हो गया। जिसके चलते जनरल नरवणे का दौरा स्थगित हो गया था। विजिट के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को नेपाल आर्मी के जनरल का रैंक प्रदान करेंगी।
बता दें कि भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है। जब दोनों देशों में सीमा को लेकर गंभीर विवाद बना हुआ है। चीन के इशारे पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत के लिपुलेख, लिम्प्युधारा और कालापानी इलाके को अपने नक्शे में शामिल कर चुके हैं। इसके लिए वे नेपाल की संसद का विशेष अधिवेशन बुलाकर संविधान में संशोधन भी करवा चुके हैं।
भारत ने नेपाल सरकार के दावों को नहीं माना
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार के इस ऐक्शन पर निराशा जताते हुए कहा था कि यह कार्रवाई ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। दोनों देशों में सभी द्विपक्षीय विवाद आपसी बातचीत से हल करने की संधि है। नेपाल की यह कार्रवाई उस संधि का उल्लंघन करती है। भारत सीमा विस्तार के नेपाल के इन दावों को स्वीकार नहीं कर सकता।