सरयू जट का लक्ष्मण किला परिसर फिल्मी कलाकारों द्वारा की जा रही रामलीला के छठे दिन भगवान राम के शबरी के आश्रम में जाने, हनुमान जी से मुलाकात होने, सुग्रीव और राम की मित्रता के उपरांत बालिबध का मंचन किया गया। नवधा भक्ति की प्रतीक शबरी के आश्रम में भगवान राम और लक्ष्मण ने शबरी के झूठे बेर खाकर आनंद की अनुभूति की। वहां से आगे चलने पर ऋष्यमूक पर्वत पर बैठे सुग्रीव को राम लक्ष्मण पर शक हुआ कि कहीं वे बालि के भेजे हुए दूत तो नहीं है।
ऐसा विचार कर हनुमान जी को उसने भेजा और कहा कि जरा भी संदेह हो तो इशारा कर देना। हम यहां से भाग जाएंगे। पठवा बालि होंहिं मन मैला। भागौं तुरत तजौं यह सैला। हनुमान जी ब्राह्मण कावेश बनाकर जाते हैं और राम से पूछते हैं कि कठिन भूमि कोमल पद गामी। कवन हेतु विचरहुं वन स्वामी। राम जवाब देते हैं कि कोसलेश दसरथ के जाए।
हम पितु वचन मानि वन आए। इहां हरी निसिचर बैदेही। विप्र सुनहुं हम खोजत तेही। हनुमान जी राम को पहचान गए। उन्होंने उनकी सुग्रीव से मित्रता कराई और प्रभु श्रीराम ने बालि कावध किया। घायल बालि ने राम से पूछा कि मैं बैरी सुग्रीव पियारा। कारन कवन नाथ मोंहि मारा। राम ने जवाब दिया कि अनुज वधू भगिनी सुत नारी। सुनु सठ ये कन्या सम चारी। इन्हहिं कुदृष्टि बिलोई जोई। ताहि बधे कछु पाप न होई। तब बालि ने कहा कि ये सब नियम आप मनुष्यों पर लागू होते हैं।
मोदी को धोखा दे, कहीं फिर लालू की शरण में न चले जाएं नीतीश : चिराग पासवान
हम पशुओं पर नहीं। भगवान राम निरुत्तर हो गए। उन्होंने कहा कि अचल करहुं तव राखहुं प्राना। तब बालि ने हंसते हुए कहा कि मुनिजन जन्म-जन्मान्तर के भजन यज्ञ के बाद भी अंतिम समय जिसका नाम अपनी हिहवा पर नहीं ला पाते वे सच्चिदानंद परमात्मा मेरे सामने खड़े हैं। उन्होंने अपने पुत्र अंगद को उनके हवाले कर दिया और प्राण छोड़ दिए।
अयोध्या के सरयू तट पर लक्ष्मण किला परिसर में आयोजित फिल्मी कलाकारों की रामलीला में कल शाहबाज खान ने रावण की भूमिका में गहरी छाप छोड़ी थी तो आज दारा बिंदु सिंह का हनुमान के रूप में किरदार लोगों के मन को छू गया। । अभी तक कई फिल्मों और धारावाहिकों में काम कर चुके शाहबाज ने कहा कि अयोध्या में रामलीला मंचन कर उनका जीवन धन्य हो गया है।
अयोध्या में अभिनय करने का आनंद शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता है। अयोध्या की धरती ने हमेशा शांति व सौहार्द का पैगाम दिया है। रामलीला के माध्यम से हम कलाकार भी पूरे देश को यही संदेश देना चाहते हैं।
शाहबाज रामलीला में रावण के किरदार को जीवंत करते नजर आ रहे हैं। अपने संवाद और अभिनय से उन्होंने लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ी है। रामलीला का आयोजन प्रतिदिन शाम सात बजे किया जा रहा है। जिसका प्रसारण यूट्यूब व सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है।