उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने रहे राम मंदिर की तर्ज पर कर्नाटक के हंपी में भगवान हनुमान का भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरह ही हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है। यही नहीं जिस तरह अयोध्या में भगवान राम की भव्य और सबसे ऊंची मूर्ति लगाई जाएगी, उसी तरह किष्किंधा यानि कर्नाटक के हंपी शहर में हनुमान जी की 215 फीट की भव्य और विशाल मूर्ति लगाने की तैयारी है।
किष्किंधा जिसे आज कर्नाटक का हम्पी शहर कहा जाता है, तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। बाल्मीकि रामायण में इसे पहले बालि और उनके पश्चात सुग्रीव का राज्य बताया गया है। श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान का जन्म स्थान इसी क्षेत्र के पंपापुर किष्किंधा को माना जाता है।
कर्नाटक: राज्यसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी कांग्रेस
यहीं पर हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति, जिसकी ऊंचाई 215 फीट होगी, स्थापित करेगा। इस मूर्ति के निर्माण में लगभग 1200 सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके लिए हनुमत जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रथ यात्रा निकालकर चंदा इकट्ठा करेगा।
हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसी चंदे से भगवान राम के लिए 100 फीट का एक रथ भी तैयार कराएगा। दो करोड़ की लागत से दो साल में इस रथ को तैयार किया जाएगा।
कोरोना के चलते खुमकाल में लगने वाला भूतों का मेला प्रतिबंधित
हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पंपा क्षेत्र के अध्यक्ष स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने बताया कि हनुमान जी की जन्मस्थली किष्किंधा में दुनिया का सबसे बड़ा हनुमान जी की 215 मीटर की प्रतिमा तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थापित किया जाएगा। साथ ही 20 एकड़ में 100 करोड़ की खर्च से भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा। इसके लिए राम मंदिर मॉडल से प्रेरणा लिया जाएगा।