महोबा में व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में निलंबन के बाद से फरार चल रहे आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार अब न्यायालय में सरेंडर करने की फिराक में हैं। पाटीदार और कॉन्स्टेबल अरुण यादव पर शासन का शिकंजा लगातार कसता रहा है। पाटीदार को भगोड़ा घोषित करने के बाद रविवार को 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। इनाम घोषित होने के बाद पाटीदार पर दबाव और बढ़ा गया है।
गौरतलब बात ये है कि पुलिस अब तक चोर, बदमाश, डाकू और गैंगस्टर को पकड़वाने पर ही इनाम घोषित करती रही है, लेकिन इस बार पुलिस महकमे ने अपने एक युवा आइपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। महोबा के कबरई के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में भगोड़ा घोषित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर यह इनाम रखा गया है। इस मामले में उनके सहयोगी सिपाही अरुण यादव पर भी 25 हजार का इनाम है। इस मामले के आरोपितों में तत्कालीन एसओ देवेंद्र और दो अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। रविवार को एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व एसपी मणिलाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। अब 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। आरोपित सिपाही अरुण यादव पर भी इनाम रखा गया है। प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें किसी आइपीएस पर 25 हजार का इनाम रखा गया है।
यह है पूरा मामला
दिवंगत क्रशर कारोबारी ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था। उनसे अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो व वीडियो वायरल किए थे। मुख्यमंत्री को भी इसी संदर्भ के प्रार्थना पत्र भीजा था। आठ सितंबर को इंद्रकांत अपनी गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे। 13 सितंबर को उनकी कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई थी।
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भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व एसओ सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा कराया था। जांच के दौरान सिपाही अरुण यादव का नाम जोड़ा गया था। निलंबित होने के बाद से आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं। शीघ्र ही पाटीदार से साथ सिपाही की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी होने वाली है। महोबा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार गौतम के मुताबिक जिले के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद से फरार चल रहे हैं। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई ने आरोप लगाया कि पाटीदार ने त्रिपाठी से छह लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मणिलाल ने धमकी दी कि यदि एक हफ्ते के अंदर रकम नहीं दी तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सेवा से निलंबित करके जांच का आदेश जारी कर दिया गया।