नई दिल्ली। यह सुन कर आप भी चौक गए होंगे और झटका भी लगा होगा। हम भारतीय शहद को बहुत महत्तव देते हैं। देश में औषधी के तौर पर भी खूब इस्तेमाल होता है। लेकिन यह चौकाने वाली खबर है कि भारत में शहद में बहुत मिलावट हो रही है। चाहे सड़क किनारे बिकने वाला शहद हो या नारी गिरामी ब्रांड के शहद हों, सभी में जबरदस्त मिलावट हो रही है। यह खुलासा सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरामेंट (CSE) ने किया है। CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण ने आज इसका यहां खुलासा किया। उन्होंने बताया कि भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के लगभग सभी ब्रांडों में जबरदस्त तरीके से शुगर सिरप (Sugar syrup) की मिलावट हो रही है। उलेखनीय है कि इसी संगठन ने वर्ष 2003 और 2006 के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक की उपस्थिति का खुलासा किया था।
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शुगर सिरप की मिलावट खाद्य धोखाधड़ी (Food Fraud) है। यह 2003 और 2006 में सीएसई द्वारा सॉफ्ट ड्रिंक में की गई मिलावट की खोजबीन से ज्यादा कुटिल और ज्यादा जटिल है। लोग इस समय जानलेवा कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है। ऐसे कठिन समय में भोजन में चीनी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल (Overuse) हालात को और भयावह बना देगा।
भारत और जर्मनी की प्रयोगशालाओं में हुआ है परीक्षण
संगठन का कहना है कि यह रिपोर्ट भारत और जर्मनी की प्रयोगशाला में हुए अध्ययनों पर आधारित है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा की गई यह गहरी पड़ताल बताती है कि भारत के सभी प्रमुख ब्रांड के शहद में जबरदस्त मिलावट की जा रही है। 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (NMR) परीक्षण में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए। उनका कहना है कि शहद के शुद्धता की जांच के लिए तय भारतीय मानकों के जरिए मिलावट को नहीं पकड़ा जा सकता, क्योंकि चीन की कंपनियां ऐसे शुगर सिरप तैयार कर रही हैं जो भारतीय जांच मानकों को आसानी से खरे उतरते हैं।
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कोविड-19 संकट के वक्त भारतीय कुछ ज्यादा ही शहद का सेवन कर रहे हैं, क्योंकि उनका विश्वास है कि विषाणु से लड़ने के लिए यह अच्छाइयों की खान है। मसलन एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ इसमें प्रतिरक्षा (Immunity) को बनाने की क्षमता है। लेकिन, यदि शहद ही मिलावटी है तो असल में हम चीनी खा रहे हैं। यह मोटापा और अत्यधिक वजन की चुनौती को बढ़ाता है और जो अंततः हमें गंभीर कोविड-19 संक्रमण के जोखिम की ओर ले जाता है।