• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर ‘आधी आबादी’, रोजगार से जुड़ी 95 हजार महिलाएं

Desk by Desk
06/12/2020
in Main Slider, आगरा, ख़ास खबर
0
atmanirbhar

atmanirbhar

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आगरा। भारत जैसे पुरुष प्रधान देश में गांव की महिलाएं अपने खर्च के लिए पुरुषों पर निर्भर रहती हैं। लेकिन, एक गांव ऐसा भी है जहां महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। एक साल के अंदर स्वयं सहायता समूहों से 95 हजार से ज्यादा महिलाएं जुड़कर न केवल स्वरोजगार कर रही हैं, बल्कि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन चुकी हैं। कई समूहों का कारोबार तो बाहर भी अपनी धाक जमा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं स्वरोजगार करके आत्मनिर्भर बन रही हैं।

मासूम यशस्वी की मौत पर माफी मांग रहा है अलीगढ़ शहर, जानें पूरा मामला

बरौली ब्लॉक के गांव कोलखा की कमलेश कुमारी ने एक साल पहले 12 महिलाओं को इकट्ठा करके समूह बनाया। समूह ने जूता निर्माण का काम शुरू किया। कोरोना काल में भी इनके काम पर असर नहीं पड़ा। अब हर माह समूह की आमदनी 50 हजार से ऊपर है। जूते का कारोबार आगरा से बाहर भी फैलने लगा है। केस दो

विश्व में कोरोना से 6.64 करोड़ लोग संक्रमित, 15.28 लाख कालकवलित

बगदा गांव की अवधेश यादव ने भी 10 महीने पहले गांव की आठ महिलाओं का समूह बनाया। समूह को बिजली के बिल काटने और बाल पोषाहार उठाने का काम मिला। समूह की महिलाओं को एक बिल वसूली पर 20 रुपये मिलते हैं। 2000 रुपये से ऊपर की वसूली पर एक प्रतिशत कमीशन है। अब यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

बाबरी विध्वंस की 28वीं बरसी आज, रामजन्मभूमि जाने वाले सभी रास्ते सील

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना वर्ष 2014 में आई थी। तब महिलाओं में समूह गठन के प्रति जागरूकता नहीं थी। प्रारंभ में छह ब्लॉकों में कुछ समूह ही बन पाए। मगर, बीते एक साल समूह तेजी से बने। वर्ष 2019-20 में अकोला, बाह, एत्मादपुर, जगनेर, जैतपुर कला, खैरागढ़, पिनाहट, सैया और शमशाबाद ब्लॉकों में आठ हजार से ज्यादा समूह बनाकर 95 हजार महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ चुकी हैं।

Tags: #agra8448 groupsAgra Hindi Samacharagra newsAgra News in HindiAwarenessbanglesCandlescarpetsdairyemploymentexclusiveLatest Agra News in Hindilivelihoodmissionnational ruralrural populationself-reliantshoeWomen
Previous Post

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 96.44 लाख हुई, 91 लाख मरीज रोगमुक्त

Next Post

Kisan Protest : पलवल में दिल्ली कूच के लिए अड़े किसानों ने किया हंगामा

Desk

Desk

Related Posts

cm yogi
Main Slider

स्नान पर्वों और मेलों के सकुशल आयोजन के लिए ‘स्वच्छता, सुरक्षा और सतर्कता’ हो तैयारियों का आधार: मुख्यमंत्री

04/11/2025
Road Accident
Main Slider

तेज रफ्तार बस खाई में गिरी, दो महिलाओं समेत तीन की मौत; 38 घायल

04/11/2025
Draupadi Murmu
Main Slider

राष्ट्रपति के अभिभाषण में निखरे महिला उत्थान के रंग

03/11/2025
Draupadi Murmu
Main Slider

25 वर्षों की यात्रा के दौरान उत्तराखंड ने हासिल किए विकास के प्रभावशाली लक्ष्य:

03/11/2025
CM Yogi
Main Slider

इंडी गठबंधन के पप्पू, टप्पू और अप्पू को नहीं दिख रहा विकास- सीएम योगी

03/11/2025
Next Post
kisan protest

Kisan Protest : पलवल में दिल्ली कूच के लिए अड़े किसानों ने किया हंगामा

यह भी पढ़ें

Suji Ladoo

मीठा खाने का कर रहा हैं मन, मिनटों में बनाए सूजी के लड्डू

15/10/2023
MP tet

छत्तीसगढ़ के ‘प्रयास आवासीय स्कूल’ के 166 छात्र नीट में हुये सफल

18/10/2020
accident

भीषण सड़क हादसे में तीन डॉक्टर घायल, न्यूरो सर्जन की हालत गंभीर

30/11/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version