जयपुर। राजस्थान में वन्यजीवों को बचाने के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिला वन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि गश्ती दल द्वारा संरक्षित क्षेत्र में तथा वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए गश्त बढ़ाई जाए। गश्ती दलों को हमेशा सचेत रहना होगा। वन विभाग ने यह आदेश पिछले सप्ताह रणथंभौर टाइगर रिजर्व के फलौदी रेंज में टाइगर टी-108 के गले में तार का फंदा लगा होने की फोटो कैमरों में कैद होने के बाद दिया गया है। रिजर्व में वन्यजीवों विशेषकर टाइगर की मॉनिटरिंग के लिए लगे हुए कैमरों में टी-108 के गले में फंदा लगे हुए फोटो कैद हुई थी ।
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राजस्थान में वन विभाग ने वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रदेश में अगले साल फरवरी तक रेड अलर्ट की घोषणा की है ।प्रदेश की प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि रेड अलर्ट के दौरान सभी राष्ट्रीय उघान,टाइगर रिजर्व,वन्यजीव अभयारण्य व समस्त वन क्षेत्रों में शिकारियों की तलाश के लिए एक सधन अभियान चलाया जाएगा। जरूरत होने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस का सहयोग लेकर शिकारियों को पकड़ा जाएगा।
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वन्यकर्मियों ने टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर फंदा हटाकर उसे वापस रिजर्व में छोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि पहले भी रणथंभौर में शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में गाय,भैंस सहित कई वन्यजीव फंस चुके हैं । माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य में एक संभार के शिकार की घटना भी कुछ समय पूर्व सामने आई थी । सरिस्का में एक बार तो यह हालात हो गए थे कि शिकारियों के चलते यह सेंचूरी टाइगर विहिन हो गया था । तीन साल से फिर इसे आबाद करने का प्रयास शुरू हुआ है।