उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) का गौरवशाली इतिहास रहा है और यहां विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं को तत्परता से बढ़ाया जाना चाहिए तथा हिपेटोलाॅजी विभाग को कार्यशील किये जाने के साथ ही लिवर ट्रांसप्लाण्ट, हार्ट ट्रांसप्लाण्ट जैसी अंग प्रत्यारोपण सुविधाएं शीघ्र प्रारम्भ की जानी चाहिए।
जहां सम्भावनाएं होती हैं, वहीं अपेक्षाएं भी होती हैं। SGPGI से लोगों को बड़ी अपेक्षा है। संस्थान को अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूर्ण प्रयास करते हुए भावी पीढ़ी के लिए उदाहरण कायम करना चाहिए: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/Y45DRT4pQh
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 14, 2020
इस संस्थान के चिकित्सकों, रेजीडेंट्स के प्रति लोगों में विशेष भाव है। विगत 37 वर्षां में संस्थान ने प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी अपनी पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई की लम्बी यात्रा शेष है। इसके दृष्टिगत संस्थान को अपने आपको तकनीकी रूप से अद्यतन करते हुए भावी चुनौतियों के लिए तैयार करना चाहिए।
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मुख्यमंत्री आज यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 37वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बेस्ट रिसर्च पेपर के लिए संस्थान के विभिन्न फैकल्टी मेम्बर्स को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को भी पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के 06 मेडिकल काॅलेजों में टेलीमेडिसिन आईसीयू की स्थापना के लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इण्डिया लि0 एवं एसजीपीजीआई के मध्य एमओयू का आदान-प्रदान हुआ। एमओयू के माध्यम से पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा काॅरपोरेट सोशल रिस्पाॅन्सबिलिटी के तहत 07 करोड़ रुपये की धनराशि एसजीपीजीआई को इस परियोजना के लिए प्रदान की गयी है।
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श्री योगी ने टेलीमेडिसिन आईसीयू की स्थापना धनराशि प्रदान करने के लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इण्डिया लि0 को धन्यवाद देते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन वर्तमान समय की आवश्यकता है। प्रदेश में कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में इसकी उपयोगिता महसूस की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना उपचार के लिए प्रत्येक जिले में डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों की स्थापना करायी गयी। इसके लिए अस्पतालों की थ्री-टायर व्यवस्था की गयी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए एसजीपीजीआई, केजीएमयू तथा आरएमएल0 आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा ई-आई0सी0यू0 संचालित किये गये, जिससे कोविड-19 के उपचार में बहुत लाभ हुआ।
उन्होंने कहा कि जहां सम्भावनाएं होती हैं, वहीं अपेक्षाएं भी होती हैं। एसजीपीजीआई से लोगों को बड़ी अपेक्षा है। संस्थान को अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूर्ण प्रयास करते हुए भावी पीढ़ी के लिए उदाहरण कायम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर व रायबरेली जिले में शीघ्र ही एम्स पूरी तरह संचालित हो जाएंगे। एम्स के समकक्ष ही बीएचयू, वाराणसी भी विकसित किया जा रहा है। साथ ही, कई अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान भी स्थापित किये जा रहे हैं। एसजीपीजीआई को इन संस्थानों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी होगी।