मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जरी-जरद़ोजी की लुप्त होती कला को जीवित रखने के साथ ही इस काम में लगे शिल्पियों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार कृत-संकल्पित है।
श्री चौहान ने यहाँ गौहर महल में ‘राग भोपाली 2020’ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि वे महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने पिछली कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में भोपाल के परम्परागत जरी-जरद़ोजी के कार्य को अंतर्राष्ट्रीय पहचान और बाजार उपलब्ध कराने के कलेक्टर को निर्देश दिए थे। ‘राग – भोपाली 2020’ उसी की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के अच्छे परिणाम होंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह ‘एक जिला – एक शिल्प’ को प्रोत्साहित करने की शुरूआत है।
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आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने गौहर महल में सबसे पहले जरी – जरद़ोजी का काम रहे शिल्पकारों से मुलाकात की और इस बारीक कार्य को होते हुए देखा। उन्होंने शिल्पियों से जरदोजी कार्य की बारीकियां भी समझीं और कहा कि इस कार्यों को पहचान देने के साथ ही बाजार उपलब्ध कराने का हरसंभव प्रयास सरकार की ओर से किए जाएंगे। उन्होंने ‘राग – भोपाली 2020’ कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन कर किया।
इस मौके पर श्री चौहान ने संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम भोपाल से जरी-जरद़ोजी प्रशिक्षण प्राप्त शिल्पियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वे इस कला को आगे ले जाने के लिए प्रयास करेंगे।