राज्यसभा सांसद एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कृषि कानून के विरोध में वामदलों के आह्वान पर आज किसानों के राजभवन मार्च को विफल बताया और कहा कि राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के काम से संतुष्ट कृषकों ने एक बार फिर विपक्ष को झटका दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया कि बिहार के किसान राजग सरकार के काम से संतुष्ट हैं इसलिए कृषि कानून के विरुद्ध भारत बंद और राजभवन मार्च जैसे हथकंडे विफल रहे। किसानों ने एक महीने में दूसरी बार विपक्ष को करारा झटका दिया है। उन्होंने कहा कि सोफा लगाकर ट्रैक्टर पर बैठने और मुरेठा बांध लेने से हर कोई किसान नहीं हो जाता।
श्री मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग वर्षों तक बिहार के खेत-खलिहान लूटते रहे, भूमि हड़पो आंदोलन चलाकर गांव में तनाव फैलाते रहे और किसानों की हत्या करते रहे थे, वे आज अपने चेहरों से खून के दाग धोने के लिए किसान आंदोलन के समर्थक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल तक लालू-राबडी सरकार की पालकी ढोने वाले वामपंथी किसानों को मुंह दिखाने लायक नहीं हैं। वे पिछली विधानसभा में तीन सीट पर सिमट गए थे।
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भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से बिहार के गांवों तक किसानों की बर्बादी के गुनहगार वामपंथी दल आंदोलन के नाटक से किसानों के हमदर्द दिखना चाहते हैं। यह कितना बडा छल है कि किसानों को सीमित बाजार और बंधे हुए दाम से आजादी देने वाले नये कृषि कानूनों के खिलाफ वे लोग पटना में मार्च निकाल रहे थे, जिनके लोग विश्वविधालयों में चीख-चीख कर आजादी देने के नारे लगाते हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ये बतायें कि वे अन्नदाता को बिचौलियों-आढ़तियों से आजादी क्यों नहीं दिलाना चाहते।