लखनऊ । सीएसआईआर – केन्द्रीय औषधीय व सगंध पौधा संस्थान (CSIR-CIMAP) लखनऊ स्थित कैम्पस में रविवार 31 जनवरी को किसान मेले में देश के विभिन्न राज्यों से आये लगभग 500 किसानों का जमावड़ा रहा। किसानों ने मेले में भाग लेकर औषधीय व सगंध पौधों की लाभकारी खेती के बारे में जानकारी ली और अपने अनुभव भी साझा किये। उधर वैज्ञानिकों की टीम ने किसानों को उन्नत खेती, किस्मों तथा प्रसंस्करण व विपणन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। किसान मेले के मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि, माननीय डॉ. शेखर चि मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर,नई दिल्ली थे, जो कि ऑनलाइन माध्यम से इस मेले में जुड़े थे ।
CSIR-CIMAP के निदेशक, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने सीमैप किसान मेला- 2021 में आए हुए कृषकों को संबोधित करते हुये कहा कि सीएसआईआर-सीमैप लगभग 6 दशक से आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की नई प्रजातियों का संशोधन कर किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने हेतु कार्य करता आ रहा है । सीएसआईआर-सीमैप अपने शोध एवं विस्तार कार्य से किसानों के बीच जन जागृति करता आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस किसान मेले को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य संस्थान में हो रहे नित नए शोधों को किसानों व आम जन मानस से रूबरू कराना है।
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मुख्यअतिथि सीएसआईआर के महानिदेशक डाॅ. शेखर चि मांडे ने बताया कि सीएसआईआर के द्वारा अपने लेब में होते हुए प्रयोगों को आम जनमानस तक पहुँचने में इस तरह के आयोजनो का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप उच्च गुणवत्ता युक्त बीज, सकर तथा पौध सामग्री निरंतर किसानों को उपलब्ध करा कर उनकी आय में आय मे बढ़ोत्तरी कर रहा है । इस अवसर पर डाॅ. मांडे द्वारा सीएआईआर – सीमैप के नये लोगो का भी अनावरण किया गया। किसान मेले में औष-ज्ञान्या- सोविनियर किसान मेला, औष विज्ञान-हिन्दी पत्रिका का भी अनावरण किया गया।
इस अवसर पर CSIR-CIMAP द्वारा विकसित हर्बल उत्पाद एवर ग्रीन टीए हर्बी सॉफ्ट जिरेनियम एक्टिव शैम्पू एवं क्लींजी बनाने की तकनीकी को सुनील गुप्ता, सीएमडी व क्षितिज गुप्ता, सीईओ, मेसर्स व्योम इंडिया ओर्गेनिक्स प्रा॰ लिमिटेड, बरेली को हस्तांतरित किया गया । 05 किसानों को मेन्था की प्रजाति की जड़ें, पौध सामग्री का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों ने अपनी सफलता की कहानी प्रतिभागियों से साझा की जिससे अन्य किसान भी प्रभावित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे ।
सीएसआईआर-सीमैप के पूर्व कार्यकारी निदेशक डाॅ. आलोक कालरा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस किसान मेले की शुरूआत 17 वर्षों पहले इस उद्देश्य के साथ की गई थी कि इस मेले के माध्यम से हजारों किसानों को एक साथ औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि तकनीकियों की जानकारी व उन्नत पौध सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी।
एरोमा उद्योग के प्रतिनिधि प्रसेनजित मजूमदार, निदेशक, अल्ट्रा इण्टरनेशनल प्रा. लि. गाजियाबाद ने उपस्थित किसानो को भरोसा दिलाया कि किसानों के साथ हरदम खड़ा है। उन्होंने किसानों को सुगंधित तेलों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग और गुणवत्ता संबंधी जानकारी साझा की एवं तेल खरीदने का आश्वासन दिया । इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों ने अपने विचार प्रतिभागियों के साथ साझा किए ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि, कानून मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार बृजेश पाठक ने किसान मेले मे आए किसानों का स्वागत किया । उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों के फायदे के लिए कई प्रयास किए जा रहे है, जिससे कि देश आत्मनिर्भर हो सके। विशिष्ट अतिथि ने अपने सम्बोधन में औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन में सीएसआईआर-सीमैप के योगदान की प्रशंसा करते हुए संतोष व्यक्त किया । कहा कि कोविड़-19 की महामारी के समय इन औषधीय एवं सगंध पौधों की मांग बढ़ी है । इनकी खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है और इस कार्य को इस संस्थान के द्वारा किसान मेले का आयोजन कर किया जा रहा है ।
कानूनमंत्री बृजेश पाठक ने आगे बताया कि सीमैप द्वारा विकसित मेन्था की किस्में किसानों में काफी लोकप्रिय हैं। इसकी उपज बढ़ाने में मददगार साबित हो सकी हैं। वर्षा आधारित क्षेत्रों में खेती की प्रणाली विकसित करने पर बल देते हुए कानूनमंत्री बृजेश पाठक ने आशा व्यक्त की कि नींबूघास, रोशाघास जैसी सगंधीय फसलें कम पानी वाले अथवा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सफलता पूर्वक उगाई जा सकेंगी। उन्होंने आगे कहा कि उचित फसल चक्र अपनाकर किसान खाद्यान्न और नकदी फसलें जिसमें औषधीय और सगंध पौधे भी सम्मिलित हैं। इसकी खेती करें जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि, डाॅ. जी. एन. सिंह, पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल, भारत सरकार एवं सलाहकार मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि जिस तरह से भारत ने दवाई के निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल की है। उसी तरह से सीएसआईआर – सीमैप के प्रयासों से औषधीय व सगंध पौधों की खेती से न केवल किसानो की आय दुगनी हो सकेगी । बल्कि साथ ही साथ भारत कई सगंध तेलों में भी आत्मनिर्भर हो पाएगा। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान द्वारा विकसित अगरबत्ती बनाने की तकनीकी पर महिलाओं को प्रशिक्षण की सराहना की तथा इसे बृहत रूप देने का आहवाहन किया। किसान इस संस्थान से उन्नतशील पौध सामग्री ले जाए और अधिक लाभ कमाएं ।
इस अवसर पर किसान मेला समिति के अध्यक्ष डा. अब्दुल समद ने भी किसानों को संबोधित किया। किसान मेला के संयोजक, डॉ. संजय कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर मेले में किसानों के लिए एक परिचर्चा सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमे वैज्ञानिक व उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर विषय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया।
सीएआईआर – सीमैप के नये लोगो का अनावरण
संस्थान के द्वारा नवंबर माह में लोगों प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमे देशभर से काफी एंट्री प्राप्त हुई थी । उन्ही प्रविस्तियों में से सीएआईआर – सीमैप की नवचेतना को प्रदर्शित करते हुए व पारंपरिक ज्ञान को समाहित करते हुए आधुनिक विज्ञान की सार्थकता को साथ लेकर हरित पाठ के मार्ग पर आगे बढ़ते की प्रेरणा देता हुआ संस्थान का लोगो का डाॅ. शेखर मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर द्वारा अनावरण किया गया।