धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ मेले का रंग धीरे-धीरे चढ़ रहा है। आज पंचायती अखाड़ा निरंजनी की धर्म ध्वजा स्थापना के साथ कुंभ मेले की विधिवत शुरुआत हो गई है। हरिद्वार में आज निरंजनी अखाड़े की धर्म ध्वजा की स्थापना बड़ी धूमधाम से की गई। अखाड़े के वरिष्ठ संतों के अलावा दूर-दूर से पहुंचे रमता पंचों और नागा साधुओं ने भी धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कुंभ मेले के दौरान धर्म ध्वजा की स्थापना को कुंभ मेले का विधिवत आगाज माना जा सकता है।
धर्म ध्वजा की लकड़ी लेकर आया मेला प्रशासन
इस बार हरिद्वार में आयोजित हो रहे कुंभ मेले की अवधि काफी सीमित कर दी गई है। लेकिन साधु, संतों और अखाड़ों की सभी धार्मिक गतिविधियां पूरे विधि विधान से की जा रही हैं। 52 गज ऊंची इस धर्म ध्वजा की लकड़ी को खास छिद्दरवाला के जंगलों से मंगाया गया था। 18 फरवरी को धर्म ध्वजा की लकड़ी लेकर मेला प्रशासन के अधिकारी हरिद्वार पहुंचे थे। तभी से अखाड़े में धर्म ध्वजा स्थापना की तैयारियां चल रही थीं।
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निरंजनी अखाड़े के लिए कुंभ मेला शुरू
हरिद्वार के कुंभ मेला 2021 में आज सबसे पहले निरंजनी अखाड़े की ध्वजा स्थापित की गई। निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ आज से निरंजनी अखाड़ा के लिए कुंभ मेला आरंभ हो गया है। धर्म ध्वजा का अखाड़ों के लिए खास महत्त्व होता है। धर्म ध्वजा को केंद्र मानकर ही कुंभ मेले की सभी गतिविधियां संचालित की जाती हैं।
धर्म रक्षा की दीक्षा
सभी नागा संन्यासियों को धर्म ध्वजा के नीचे ही राष्ट्र और धर्म की रक्षा की दीक्षा दी जाती है। यह नागा संन्यासी जरूरत पड़ने पर राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने से नहीं कतराते। अखाड़े में 52 मणियां होती हैं। इसीलिए धर्म ध्वजा में 52 बंध लगाए जाते हैं।