लखनऊ। अजीत सिहं हत्याकांड के आरोपित गिरधारी एनकाउंटर मामले में शनिवार दोपहर राजधानी पुलिस ने घटना का नाट्य रुपांतरण किया। इस दौरान फॉरेंसिक टीम भी मौजूद रही। घटना के री-क्रिएशन की वीडियोग्राफी भी की गई।
रि-क्रिएशन के दौरान दिखाया गया कि विभूतिखंड पुलिस गिरधारी को लेकर असलहा बरामदगी के लिए जा रही थी। इसी दौरान उसने पास में बैठे दारोगा की सर्विस पिस्टल छीन ली थी और उन्हें धक्का देकर गाड़ी से नीचे गिरा दिया था।
इसके बाद आरोपित ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग शुरु कर दी थी। अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपित झाडिय़ों में भागने लगा था। पुलिस टीम ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह लगातार फायरिंग कर रहा था। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से गिरधारी घायल हो गया था, जिसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
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गौरतलब है कि 14-15 फ रवरी के देर रात्रि करीब 2:30 बजे के आस-पास पुलिस मुठभेड़ में गिरधारी की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के बाद कई सवाल उठ रहे थे। गिरधारी के परिवारजन न्यायालय में अर्जी देकर मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस पर न्यायालय ने हजरतगंज कोतवाली में इंस्पेक्टर विभूति खंड और डीसीपी पूर्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि पुलिस ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी। फिलहाल कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी है।