उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की एक अदालत ने 28 वर्षीय महिला व उसके दो बच्चों की दहेज की मांग को लेकर गला दबाकर हत्या कर देने के तीन साल पुराने मामले में महिला के पति समेत छह लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बलिया के अपर जिला जज नितिन कुमार ठाकुर की अदालत ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद महिला के पति सुनील चौहान, ससुर अच्छेलाल, सास शांति देवी, जेठ विनोद, जेठानी पुष्पा व ननद मुनरी उर्फ मनोरमा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व आठ-आठ हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। अर्थ दण्ड अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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घटना के संदर्भ में बलिया के पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा ने शनिवार को बताया कि गड़वार थाना क्षेत्र के रतसड़ ग्राम के जय प्रकाश चौहान की पुत्री रमिता की शादी मनियर थाना क्षेत्र के नन्हागंज जिगनी चौहान बस्ती ग्राम के सुनील चौहान के साथ 2012 में हुई थी। उन्होंने बताया कि शादी के बाद से रमिता को दहेज के लिए प्रताडित किया जाता था।
उन्होंने बताया कि 22 जून 2018 की रात्रि में ससुराल वालों ने रमिता (28) के साथ ही दो बच्चों संदीप (एक वर्ष) व संध्या (पांच वर्ष) की गला दबाकर हत्या कर दी। इस मामले में मनियर थाना में रमिता के भाई रुदल की शिकायत पर रमिता के पति सुनील चौहान, ससुर, सास, जेठ, जेठानी व ननद के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की हत्या व दहेज प्रताड़ना आदि की धारा में मामला दर्ज किया गया और सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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पुलिस ने सभी छह आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जिन्हें अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी करने के बाद सजा सुनाई।