कोरोना जैसी भीषण महामारी के दौरान कोरोना मरीजों की मदद के लिए एक ओर विभिन्न संगठन व समाजसेवी आगे आ रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस आपदा के अवसर का लाभ उठाकर मरे हुए कोरोना संक्रमितों के मोबाइल व उनकी नगदी पर हाथ साफ करते हुए भी नहीं घबराते थे। नबावाद पुलिस ने सोमवार को इस गैंग के तीन सदस्यों को दबोच कर इस राज से पर्दा उठा दिया।
पुलिस के अनुसार मेडिकल कालेज कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की मृत्यु के बाद उनके मोबाइल फोन व रूपये आदि चोरी होने की घटनाएं सामने आ रही थीं। इसे गम्भीरता से लेते हुए पुलिस टीम लगाई गई थी। इस टीम को सूचना मिली कि मेडिकल में तैनात कुछ सफाईकर्मी ही इस काम को अंजाम दे रहे हैं।
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पुलिस ने शक के आधार पर थाना बड़ागांव स्थित ग्राम दोन निवासी अंकित अहिरवार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा मामला खुल गया। अंकित के इस काम मे उसी के गांव के प्रभात व विष्णु अहिरवार भी सहयोग करते थे। यह दोनों भी सफाईकर्मी हैं। इनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए।
ऐसे देते थे अंजाम
पकड़े गए अंकित ने बताया कि कोविड मरीज की मौत के बाद वह लोग डेड बॉडी को सील करते थे। चूंकि परिवार के लोग उस वक्त पास नहीं होते थे तो इसी का फायदा उठाकर ये लोग डेड बॉडी का मोबाइल फोन व रुपये आदि पार कर देते थे।
इस टीम को मिली सफलता
इन अवसरवादी शातिरों को दबोचने में ईश्वर सिंह प्रभारी निरीक्षक नवाबाद,शिवकुमार चैकी प्रभारी मेडिकल,परमेंद्र सिंह चैकी प्रभारी बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,कां. उपेंद्र शर्मा व आकाश आदि को सफलता हाथ लगी है।