• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सीता नवमी : कन्या दान और चारधाम तीर्थ के बराबर है यह व्रत, जानें पूजा-विधि

Writer D by Writer D
21/05/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Sita Navami

Sita Navami

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

वैशाख महीने के शुक्लपक्ष के नौवें दिन यानी नवमी तिथि को सीता जयंती मनाई जाती है। इस पर्व को जानकी नवमी भी कहा जाता है। इस बार जानकी नवमी या सीता जयंती 21 मई को है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जनक नंदिनी एवं प्रभु श्रीराम की अर्द्धांगिनी सीताजी की उत्पत्ति बैसाख मास में शुक्ल पक्ष की नवमी को हुई थी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम और माता जानकी को विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

सीता जन्म कथा

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, राज जनक की कोई संतान नहीं थी। इसलिए उन्होंने यज्ञ करने का संकल्प लिया। जिसके लिए उन्हें जमीन तैयार करनी थी। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में जब राजा जनक हल से जमीन को जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी में उनके हल का एक हिस्सा फंस गया। उस जगह खुदाई करने पर मिट्‌टी के बर्तन में उन्हें कन्या मिली। जोती हुई भूमि और हल की नोक को सीत कहा जाता है, इसलिए उसका नाम सीता रखा गया।

सीता नवमी महत्व

यह व्रत करने से कन्यादान या चारधाम तीर्थ यात्रा समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि सीता नवमी के दिन सुहाग की वस्तुएं दान करने से व्रती को कन्या दान के समान फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन कुमकुम, चूड़ी, बिंदी आदि चीज़ों का दान जरूर करें। इसके साथ ही जानकी नवमी के दिन विशेष रूप से पूजा आराधना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप अपने जीवन में सुख सौभाग्य चाहते हैं तो जानकी माता को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। अगर आप पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं तो इसके लिए सीता स्त्रोत का पाठ करें।

सीता नवमी पूजा विधि

सीता नवमी पर व्रती सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

इसके बाद माता जानकी को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा का संकल्प लें।

फिर एक चौकी पर माता सीता और श्रीराम की मूर्ति या तस्वीर रखें।

राजा जनक और माता सुनयना की पूजा के साथ पृथ्वी की भी पूजा करनी चाहिए।

इसके बाद श्रद्धा अनुसार दान का संकल्प लेना चाहिए।

कई जगहों पर मिट्‌टी के बर्तन में धान, जल या अन्न भरकर दान दिया जाता है।

Tags: sita navamisita navami mahatvsita navami pujasita navami shubh muhurt
Previous Post

निर्भीक और सकारात्मक बनाता है योग, कोरोना काल में किस योग के क्या हैं फायदे

Next Post

मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी शहीद

Writer D

Writer D

Related Posts

Main Slider

योगी सरकार की पुलिस ने आठ साल में 234 दुर्दांत अपराधियों को किया ढेर, मेरठ जोन अव्वल

19/06/2025
Dr Haridutt Nemi
Main Slider

DM Vs CMO Dispute: कानपुर सीएमओ सस्पेंड, विधानसभा अध्यक्ष की भी पैरवी काम नहीं आई

19/06/2025
CM Dhami
Main Slider

उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि: मुख्यमंत्री

19/06/2025
curry leaves
फैशन/शैली

यहां लगाएं करी पत्ते का पौधा, घर में आएगी सुख-समृद्धि

19/06/2025
Prasad
धर्म

इस हाथ से नहीं लेना चाहिए प्रसाद, जानें धार्मिक कारण

19/06/2025
Next Post
MIG-21 fighter plain

मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी शहीद

यह भी पढ़ें

Shri Ram

भगवान राम के इन मंत्रों का करें जाप, हर समस्या होगी हल

29/12/2024
CM Dhami

उत्तराखंड की 4000 महिला अभ्यर्थियों को टाटा में नौकरी का अवसर

26/08/2024

लाखों किसानों के लिए पीएम मोदी ने लॉन्च किया मत्स्य संपदा योजना

10/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version