आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में टॉस न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन के पक्ष में गया है। कीवी कप्तान ने टॉस जीतकर पहले भारतीय टीम को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया है। भारत ने अपने घोषित प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया है। न्यूजीलैंड की टीम डब्ल्यूटीसी के फाइनल में चार स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाजों के साथ उतरी है, जबकि उन्होंने पांचवें पेसर के तौर पर कॉलिन डि ग्रैंडहोम को भी टीम में जगह दी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि भारत-न्यूजीलैंड की टीम में से कौन पिच को सही तरीके से पढने में नाकाम रहा है।
भारत की टीम डब्ल्यूटीसी के फाइनल में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के रूप में दो प्रमुख स्पिन गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरी है। ऐसा माना जा रहा था कि मौसम के मिजाज को देखते हुए भारत भी तीन की बजाए चार पेसर खिला सकता है। हालांकि, विराट कोहली ने अपने स्पिनर पर ही भरोसा दिखाया है। वहीं, केन विलियमसन की सोच कोहली से एकदम उल्ट नजर आ रही है। कीवी कप्तान ने चार स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज उतारे हैं। न्यूजीलैंड के नजरिए से अच्छी बात यह है कि टॉस उनके नाम रहा है और बोल्ट-साउदी की जोड़ी शुरुआत में भारतीय बल्लेबाजों की जमकर परीक्षा ले सकती है।
तेज गेंदबाज नील वैगनर की गेंद से बाल-बाल बचे पुजारा, मुँह के पास..
सुनील गावस्कर की पिच रिपोर्ट के मुताबकि, पिच में थोड़ी घास मौजूद है और ओवरकास्ट कंडिशंस की वजह से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी। गेंदबाजों को पिच से अच्छी स्विंग भी मिलेगी। हालांकि, गावस्कर ने बताया कि अगर टेस्ट के तीसरे और चौथे दिन धूप खिलती है तो स्पिन गेंदबाज अहम रोल अदा कर सकते हैं। भारत की टीम ने फाइनल में तीन तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरी है।