• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पितृ पक्ष आज से शुरू, जानिए किस तिथि पर किसका करें श्राद्ध

Writer D by Writer D
10/09/2022
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Pitru Paksha

Pitru Paksha

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज से पितृपक्ष (Pitru Paksha) की शुरु हो रहे है जो 25 सितंबर तक रहेंगे। कुंडली के पितृ दोष (Pitru Paksha) दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती। ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पितरों यानि पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए।

हिन्दू ज्योतिष के अनुसार भी पितृ दोष (Pitru Paksha) को सबसे जटिल कुंडली दोषों में से एक माना जाता है। पितरों की शांति के लिए हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को पितृ पक्ष श्राद्ध होते हैं। मान्यता है कि इस दौरान कुछ समय के लिए यमराज पितरों को आजाद कर देते हैं ताकि वह अपने परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें।

श्राद्ध की विधि

सर्प-सर्पिनी का जोड़ा, चावल, काले तिल, सफेद वस्त्र, 11 सुपारी, दूध, जल तथा माला। पूर्व या दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें। सफेद कपड़े पर सामग्री रखें।108 बार माला से जाप करें या सुख शांति, समद्धि प्रदान करने तथा संकट दूर करने की क्षमा याचना सहित पित्तरों से प्रार्थना करें। जल में तिल डाल के 7 बार अंजलि दें।शेष सामग्री को पोटली में बांध के प्रवाहित कर दें। हलुवा, खीर, भोजन, ब्राह्राण, निर्धन, गाय, कुत्ते और पक्षी को दें।

श्राद्ध के 5 मुख्य कर्म अवश्य करने चाहिए

  1. तर्पण- दूध,तिल, कुशा, पुष्प, सुगंधित जल पित्तरों को नित्य अर्पित करें।
  2. पिंडदान- चावल या जौ के पिंडदान करके भूखों को भोजन भेाजन दें।
  3. वस्त्रदानः निर्धनों को वस्त्र दें।
  4. दक्षिणाः भोजन के बाद दक्षिणा दिए बिना एवं चरण स्पर्श बिना फल नहीं मिलता।
  5. पूर्वजों के नाम पर कोई भी सामाजिक कृत्य जैसे-शिक्षा दान, रक्त दान, भोजन दान, वृक्षारोपण, चिकित्सा संबंधी दान आदि अवश्य करना चाहिए।

किस तिथि को किसका करें श्राद्ध ?

जिस तिथि को जिसका निधन हुआ हो उसी दिन श्राद्ध किया जाता है। यदि किसी की मृत्यु प्रतिपदा को हुई है तो उसी तिथि के दिन श्रद्धा से याद किया जाना चाहिए। यदि देहावसान की डेट नहीं मालूम तो फिर भी कुछ सरल नियम बनाए गए हैं। पिता का श्राद्ध अष्टमी और माता का नवमी पर किया जाना चाहिए। जिनकी मृत्यु दुर्घटना, आत्मघात या अचानक हुई हो, उनका चतुदर्शी का दिन नियत है। साधु-सन्यासियों का श्राद्ध द्वादशी पर होगा। जिनके बारे कुछ मालूम नहीं, उनका श्राद्ध अंतिम दिन अमावस पर किया जाता है जिसे सर्वपितृ श्राद्ध कहते हैं।

कौन कौन कर सकता है श्राद्ध कर्म ?

पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए। पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है। पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में संपिंडों को श्राद्ध करना चाहिए। एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है। पुत्री का पति एवं पुत्री का पुत्र भी श्राद्ध के अधिकारी हैं। पुत्र के न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं।

पुत्र  या पौत्र या प्रपौत्र के न होने पर विधवा स्त्री श्राद्ध कर सकती हैं। पत्नी का श्राद्ध व्यक्ति तभी कर सकता है जब कोई पुत्र न हो। पुत्र पौत्र या पुत्री का पुत्र न होने पर भतीजा भी श्राद्ध कर सकता है। गोद लिया पुत्र भी श्राद्ध का अधिकारी माना गया है।

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के पखवाड़े में स्त्री एवं पुरुष दोनों को ही सदाचार एवं ब्रहमचर्य का पालन करना चाहिए। यह एक शोक पर्व होता है जिसमें धन प्रदर्शन, सौंदर्य प्रदर्शन से बचना चाहिए। फिर भी यह पक्ष श्रृद्धा एवं आस्था से जुड़ा है। जिस परिवार में त्रासदी हो गई हो वहां स्मरण पक्ष में स्वयं ही विलासिता का मन नहीं करता।अधिकांश लोग पितृपक्ष में शेव आदि नहीं करते अर्थात एक साधारण व्यवस्था में रहते हैं।

श्राद्ध पक्ष में पत्तलों का प्रयोग करना चाहिए। इससे वातावरण एवं पर्यावरण भी दूषित नहीं होता। इस दौरान घर आए अतिथि या भिखारी को भोजन या पानी दिए बिना नहीं जाने देना चाहिए। पता नहीं किस रूप में कोई किसी पूर्वज की आत्मा आपके द्वार आ जाएं।

Tags: pitru pakshaPitru Paksha 2022Pitru Paksha 2022 in hindi
Previous Post

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के दो दिवसीय नेतृत्व विकास प्रशिक्षण सम्पन्न

Next Post

12 साल बाद पितृपक्ष में बना ऐसा संयोग, जानें- किस दिन होगा किसका श्राद्ध

Writer D

Writer D

Related Posts

PM Modi
Main Slider

सुशासन से विभिन्न क्षेत्रों में आया बदलाव, प्रगति के साथ जीवन में सुगमता बढी: मोदी

09/06/2025
ASP Akash Rao Giripunje
Main Slider

नक्सलियों के बिछाए जाल में फंसे अफसर , IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP

09/06/2025
Sonam's father denies murder charges
Main Slider

सोनम बेकसूर है , पुलिस खुद को बचा रही : पिता

09/06/2025
5 passengers died after falling from local train in Mumbai
Main Slider

मुंबई में बड़ा ट्रेन हादसा, लोकल ट्रेन से गिरकर 5 यात्रियों की मौत, कई घायल

09/06/2025
Sonam had got her husband Raja Raghuvanshi killed
Main Slider

सोनम ने ही करायी थी पति राजा रघुवंशी की हत्या, उप्र में किया आत्मसमर्पण

09/06/2025
Next Post
pitru paksha

12 साल बाद पितृपक्ष में बना ऐसा संयोग, जानें- किस दिन होगा किसका श्राद्ध

यह भी पढ़ें

siddhi vinayak mandir

सबसे संपन्न मंदिरों में से एक है सिद्धिविनायक मंदिर, जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

12/09/2021

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने उपराष्ट्रपति वेंकैया से की भेंट

07/04/2022
bhojhpur actor arrest

भोजपुरी हीरो निकला कार चोर, फिल्म निर्माता के साथ मिलकर करता था ठगी

16/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version