कोलकाता। 6 अक्टूबर को महालया अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) के साथ कोलकाता में दुर्गा पूजा का शुभारंभ हो जाएगा। मान्यता है कि महालया के साथ जहां श्राद्ध पक्ष समाप्त होते हैं, इसी दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से आकर अगले 10 दिनों के लिए धरती पर वास करती हैं। 10 दिनों के दौरान पूरे बंगाल में दुर्गा पूजा भव्य तरीके से मनायी जाती है, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, इस साल भी दुर्गा पूजा कुछ नियमों के साथ होगी।
कोलकाता पुलिस ने कहा है कि, विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर नियमों की जांच कर रही है। बता दें कि, महालया के दिन ही मूर्तिकार मां दुर्गा की आंखों को अंतिम रूप देते हैं। हिंदू धार्मिक शास्त्रों में दुर्गापूजा अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में होती है।
इस साल शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 07 अक्टूबर से होने जा रहा है। महालया अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होती है।
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दरअसल, कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए हाई कोर्ट ने पिछले साल की तरह त्यौहार पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है। अदालत ने दुर्गा पूजा पर पिछले साल के दिशा-निर्देशों को बरकरार रखते हुए कहा कि, इस साल भी सभी कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक ही त्यौहार मनाया जाना चाहिए।
इस बीच उच्च न्यायालयों के निर्देशों को लागू करने के लिए कटिबद्ध कोलकाता पुलिस ने अपनी गतिविधियां आरंभ कर दी हैं। लालबाजार पुलिस सख्त नजर रखे हुए है, ताकि कोई भी क्लब या पूजा समिति अदालत के आदेश का उल्लंघन न कर सके।