भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज (BCE) के शिक्षक और छात्र ने क्रेडिट कार्ड फ्रॉड को रोकने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसकी मदद से खर्चे के पैटर्न पर नजर रखकर तत्काल कस्टमर को सूचित कर सकता है। इससे बड़े पैमाने पर होने वाले फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।
बीईसी के कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक प्राध्यापक गोविंद झा और उनके छात्र राहुल शर्मा ने मिलकर सॉफ्टवेयर का मॉडल तैयार किया है। इसे बड़े पैमाने पर लागू कराने के लिए फाइनेंशियल कंपनियों से वार्ता की जा रही है। वार्ता सफल रही तो रियल डाटा का इस्तेमाल करके फ्रॉड रोकने के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है।
एआई और मशीन लर्निंग की मदद से रहेगी नजर
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सत्र (2016-20) के छात्र राहुल शर्मा ने बताया कि सॉफ्टवेयर का मॉडल सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग की मदद से तैयार किया जा सकता है। इसमें रियल डाटा डालकर इसे रिट्रेंड कराकर फ्रॉड को रोका जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि एआई के जरिए ट्रांजेक्शन पर नजर उसके लोकेशन, मोड, अमाउंट, टाइम और डेट के आधार पर रखा जाता है। हर व्यक्ति एक सामान्य तिथि, समय और जगह से पैसे निकालता है। उसके पैटर्न में अगर बदलाव होता है तो यह सॉफ्टवेयर तत्काल सूचित कर देगा कि आपके अकाउंट से राशि निकल रही है।
ईमेल और फोन नंबर हटाने पर भी मिलेगी सूचना
बीईसी के कंप्यूटर विभाग के सहायक प्राध्यापक गोविंद झा ने कहा कि अक्सर फ्रॉड करने वाले आपका ईमेल और फोन नंबर को भी हैक कर देता है। ताकि आप तक सूचना न जा सकें। मगर इस सॉफ्टवेयर के जरिए नए ईमेल और नंबर क्रिएट करके आपको सूचित कर दिया जाएगा। ग्राहक को अगर लगेगा कि यह ट्रांसजेक्शन उन्होंने ही किया है तो फिर कोई बात नहीं। अगर कोई दूसरा करवा रहा है तो तत्काल वे सूचित करेंगे और उनके ट्रांजेक्शन को रोका जा सकता है।