हजरतगंज कोतवाली में एक दारोगा ने सीबीसीआईडी में तैनात दो इंस्पेक्टर और उनके सहयोगियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर हुआ है। एडीजी सीबीसीआईडी दावा शेरपा का कहना है कि मामले को संज्ञान में लेकर जांच की जा रही है।
गोमतीनगर विस्ताार थाना में तैनात दारोगा नेपाल सिंह की पोस्टिंग वर्ष 2018 में अलीगंज थाना में हुई थी। उन्होंने एटीएम लूट के प्रयास में मनीष मिश्रा और इरफान नाम के दो बदमाशों को पकड़ा था। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद जमानत मिलने के बाद दोनों शासन में प्रार्थना पत्र देकर अपने खिलाफ दर्ज केस की जांच सीबीसीआईडी में ट्रांसफर करवा लिया। मामले की जांच इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी कर रहे थे। दारोगा नेपाल सिंह ने बताया कि दोनों आरोपितों को पकड़ने से लेकर जांच में उनके साथ उपनिरीक्षक वीरभान और आरक्षी मिथिलेश गिरी शामिल थे।
दारोगा ने बताया कि सीबीसीआईडी कार्यालय में पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर आजाद केशरी ने दोनों आरोपितों को इस मामले में झूठा फंसाये जाने का आरोप दारोगा नेपाल और उसके साथियों पर लगाया इंस्पेक्टर ने जांच में तीनों पुलिसकर्मियों को आरोपित बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की कवायद शुरु कर दी। आरोप है कि वर्ष 2020 के 16 मार्च को कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे दस लाख रुपये की मांग की गई।
कहा कि जब रुपये नहीं मिले तो केशरी ने अलीगंज थाने में नेपाल के साथ जांच में शामिल वीरभान और मिथिलेश के खिलाफ अप्रैल 2020 में मुकदमा दर्ज करवाया। नेपाल सिंह का कहना है कि अलीगंज पुलिस ने इसकी जांच कर उन तीनों को क्लीनचिट दे दी। बावजूद इसके आजाद सिंह और उनके साथ शामिल इंस्पेक्टर केपी सिंह रुपये के लिए उन तीनों पर दबाब बनाने लगे।
पीड़ित दारोगा नेपाल सिंह ने कहा कि इस मामले में उन्होंने दोनों के खिलाफ हजरतगंज थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। इसके बाद वे कोर्ट की शरण में गये और कोर्ट के आदेश पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।