लखनऊ। प्रदेश सरकार की योजनाओं से गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के जीवन में सुधार हुआ है। बिना भेदभाव के सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान और अंतिम पंक्ति तक प्रदेश सरकार की स्वर्णिम योजनाएं पहुंचे इस पर हमारी सरकार ने काम किया है। ये बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के थीम सॉन्ग के लॉन्च होने के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर पार्टी ने यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार स्लोगन के साथ गरीब कल्याण, जनकल्याणकारी योजना, महिलाओं का उत्थान और रोजगार समेत दूसरे दूसरे नए स्लोगन को लांच किया। इन स्लोगन के जरिए भारतीय जनता पार्टी ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि बीजेपी गरीब, किसान, युवा, महिलाओं की सरकार है।
सीएम योगी ने कहा कि ‘नए उत्तर प्रदेश’ की जनता पलायन नहीं, प्रगति चाहती है और ‘दंगा मुक्त प्रदेश’ ‘सपा मुक्त प्रदेश’ जनता का संकल्प है। पिछली सरकार में जो माफिया और गुंडे शांति और सौहार्द के लिए खतरा बने थे। उन दंगाइयों के पोस्टर हम लोगों ने सार्वजनिक स्थानों पर लगाए और उनकी संपत्ति से वसूली कर प्रदेश ही नहीं देश में एक नजीर पेश की। साल 2017 से पहले समाजवादी पार्टी जिन अपराधियों, गुंडों और दंगाइयों को प्रोत्साहित करती थी इन्हीं कुख्यात बदमाशों के विरुद्ध हमारी सरकार ने निडर होकर अभियान चलाया।
साल 2019 में राजधानी लखनऊ में हुए सीएए और एनआरसी के विरुद्ध किए गए हिंसक प्रदर्शन को याद दिलाते हुए सीएम ने कहा कि राजधानी लखनऊ को नफरत की राजनीति से दहलाने और जलाने वाले दोषियों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने उचित कार्रवाई की। सरकारी संपत्ति का नुकसान करने वालों की संपत्ति से ही नुकसान को भरपाई भी की गई। उन्होंने कहा कि जिनका मूल चरित्र ही अलोकतांत्रिक, आपराधिक वंशवादी हो, उनके मुंह से लोकतंत्र और विकास की बात हास्यास्पद है। विधान सभा चुनाव प्रत्याशियों की सूची सपा के ‘दंगाई प्रेमी’ और ‘तमंचावादी’ होने की पुष्टि करती है।
सपा के शरण में फलते फूलते गुंडों के घर चलाए बुलडोजर
समाजवादी पार्टी की शरण में संरक्षित गुंडे, अपराधियों, दंगाइयों और माफियाओं की अवैध कमाई पर बुलडोजर चलाने का काम प्रदेश सरकार ने किया है। जिससे अब गुंडे, अपराधी, दंगाइ और माफिया प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था में सेंध मारना तो दूर सुरक्षा पर प्रहार करने की सोच भी नहीं सकते हैं।
बीजेपी के चुनावी स्लोगन
कार्यक्रम में बीजेपी के चुनावी सॉन्ग के संग चुनावी स्लोगन को भी जारी किया गया जिसमें गरीब किसान युवा महिलाओं के उत्थान की झलक दिखी तो वहीं माफियाओं को पस्त करने वाले स्लोगन भी नजर आए। ‘बिना भेदभाव भर्ती रोजगार’, ‘चला बुलडोजर रुका अवैध कारोबार’, ‘निशुल्क राशन गरीब के द्वार’, ‘गरीब के पक्के मकान का सपना साकार’, ‘बहू बेटी को सुरक्षा और अधिकार, ‘सोच ईमानदार काम दमदार’ जैसे स्लोगन लांच किए गए।
लाखों की क्षतिपूर्ति भी वसूली
उत्तर प्रदेश में भी लखनऊ के घंटाघर, अलीगढ़ विश्वविद्यालय और इलाहाबाद पार्क में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। सीएए और एनआरसी के खिलाफ लखनऊ में एक बड़ी हिंसा भी दिखी। यह हिंसा लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैली। लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़ जैसे शहरों में तो ऐसे प्रोटेस्टर्स जिनका नाम या जिनकी तस्वीरें सीसीटीवी में आई उनसे क्षतिपूर्ति भी वसूली गई और यह रकम लाखों में थी।
योगी सरकार ने अपनाया था बेहद ही कड़ा रुख
एंटी सीएए और एंटी एनआरसी के हिंसक प्रदर्शनों के बाद योगी सरकार ने बेहद ही कड़ा रुख अपनाया था।हिंसा में शामिल लोगों की कथित पहचान सीसीटीवी के जरिए कराई गई और फिर सैकड़ों लोगों की तस्वीरें लखनऊ और दूसरे शहरों के चौक चौराहों पर टांग दी गईं थी। इसमें कई ऐसी अपराधिक चेहरे भी थे जिन्होंने भीड़ से फायरिंग की थी। कई ऐसे चेहरे थे जिन्होंने तोड़फोड़ की थी, मीडिया वैन जलाए थे, पुलिस पर हमले किए थे।