बांदा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जनपद मुख्यालय के मंडी परिसर में मतगणना के लिए ईवीएम (EVM) रखी गई थी। मतगणना में गड़बड़ी की आशंका को लेकर सपाई यहां डटे हुए थे। उसी दौरान जब जिलाधिकारी मतगणना स्थल पर जा रहे थे तब उन्हें भी रोकने की कोशिश की गई थी। उसी दौरान पुलिस और सपाइयों में नोकझोंक और पत्थरबाजी हुई थी। जिसमें अब बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati) समेत 28 लोगों को पुलिस ने विवेचना के दौरान अभियुक्त बनाया है।
मतगणना से पहले 9 मार्च को बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मंडी परिसर के बाहर ईवीएम की सुरक्षा के नाम पर डटे हुए थे और जो भी अधिकारी मंडी परिसर से आ जा रहे थे। उनकी गाड़ियों की तलाशी लेने की कोशिश कर रहे थे। जिसमें पुलिस ने हस्तक्षेप किया था। तभी उत्तेजित सपा कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया था। इस पथराव में बलखंडी नाका चौकी प्रभारी राज नारायण नायक के सिर पर पत्थर लग गया था।
अगले दिन कोतवाली प्रभारी ने इस मामले में व्यक्तियों को 7 व्यक्तियों को नामजद करते हुए 30-40 अज्ञात के विरुद्ध क्रिमिनल लॉ सहित जानलेवा हमला और सरकारी काम में बाधा जैसी 9 धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी और विवेचना के दौरान चार नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है। साथ ही पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति सहित 28 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। अब पुलिस ने इस मामले में धाराएं भी बढ़ाई हैं इन धाराओं में 147, 148 ,149, 323, 333, 553, 308, 427 आईपीसी व क्रिमिनल एक्ट की धारा 7 तथा लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3/4लगाई गई है.
बताते चलें कि, इससे पहले पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति के द्वारा बिजली खेड़ा में बनाए गए आवास को बांदा विकास प्राधिकरण ने अवैध बताते हुए ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं लेकिन इस पर कमिश्नर चित्रकूट धाम मंडल ने 25 अप्रैल तक रोक लगा रखी है। लेकिन पूर्व विधायक पर एक और मुकदमा दर्ज होने से उनकी मुसीबत बढ़ गई है।