मीरजापुर। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट संतोष कुमार त्रिपाठी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म (Rape) करने वाले हरिमोहन पटेल को दोषी ठहराते हुए सोमवार को पांच वर्ष (Imprisonment) की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित भी किया।
अभियोजन के अनुसार वादी मुक़दमा एक व्यक्ति निवासी विंध्याचल क्षेत्र की ओर से 19 जुलाई 2020 को लिखित तहरीर दी गई कि 27 जून 2020 को उनकी 13 वर्षीय पुत्री दोपहर में महुवा बिनने बाग में गई थी।
दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे बाग से वापस घर के लिए आ रही थी कि रास्ते में रामलली के खेत के डाड़ पर लगे करौदा के झाडी में गांव का हरिमोहन पटेल खींचकर ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता के शोर मचाने पर उनके बड़े भाई पहुंचे तो हरिमोहन पटेल पीड़िता को छोड़कर वहां से भाग गया। पीड़िता के नाक से खून आ रहा था।
पीड़िता के पिता की लिखित तहरीर पर विंध्याचल पुलिस ने हरिमोहन पटेल के विरुद्ध दुष्कर्म सहित पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायलय में प्रस्तुत किया।
मामले को साबित करने के लिए विशेष लोक अभियोजक सनातन सिंह ने आठ गवाहों को प्रस्तुत कराया। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य व गवाहों के बयान के आधार पर न्यायालय ने हरिमोहन पटेल को दोषसिद्ध ठहराते हुए पांच वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।