लखनऊ। जरायम की दुनिया का बड़ा नाम माफिया डॉन बृजेश सिंह (Brijesh Singh) 14 साल बाद जेल से छूट गया है। माफिया डॉन बृजेश सिंह अब खुली हवा में सांस ले रहा है। परिवार के साथ पूजा पाठ में शामिल हो रहा है, अपनों के साथ हंसी खुशी से वक्त गुजर रहा है, लेकिन बृजेश सिंह को अभी भी एक ऐसे शख्स से खतरा है जिसके बारे में दुनिया बहुत कम लेकिन बृजेश सिंह बहुत कुछ जानता है। ये नाम कोई और नहीं कुख्यात इन्द्रदेव सिंह उर्फ बीकेटी है। BKD एक ऐसा नाम जिस पर प्रदेश सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जिससे डॉन बृजेश का खतरा है उसकी तस्वीर तक यूपी पुलिस के पास नहीं।
एसटीएफ सूत्रों की माने तो माफिया डॉन बृजेश सिंह (Brijesh Singh) को मुख्तार अंसारी से ज्यादा उस शख्स से खतरा है जिसके सिर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख का इनाम तो रखा है लेकिन उसकी एक तस्वीर तक उत्तर प्रदेश पुलिस के पास नहीं है। उसी शातिर दिमाग गैंगस्टर बीकेडी से बृजेश सिंह पर खतरा मंडरा रहा है।
कौन हैं BKD?
बीकेटी पूर्वांचल के अपराधियों में एक ऐसा नाम है जो लंबे समय से एक पहेली बना हुआ है। बीकेडी का सिर्फ नाम सुना गया लेकिन उसे देखा किसी ने नहीं, जिसकी पुरानी तस्वीर तक पुलिस के पास नहीं। वाराणसी पुलिस से लेकर यूपी एसटीएफ तक भले ही अंतरराष्ट्रीय माफियाओं की कुंडली जानती हो लेकिन वाराणसी का ही रहने वाला बीकेडी उर्फ इंद्रदेव सिंह के बारे में पुलिस अब तक कुछ नहीं जानती। साल 2011 में अजय खलनायक पर हुआ हमले का मामला हो या फिर जुलाई 2013 में बृजेश सिंह के चचेरे भाई सतीश सिंह की हत्या, इन दोनों ही सनसनीखेज हत्याकांड में बीकेडी का नाम आया लेकिन आज तक वह पकड़ा नहीं गया।
बृजेश (Brijesh Singh) से कैसे शुरू हुई दुश्मनी?
बीकेडी और बृजेश सिंह की दुश्मनी दशकों पुरानी है। दरअसल, बृजेश सिंह के पिता रविंद्र नाथ सिंह उर्फ भुल्लन सिंह की हत्या में पांचू सिंह और ओमप्रकाश सिंह उर्फ लुल्लूर सिंह नामजद किए गए थे। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध के रास्ते पर चलने वाले बृजेश सिंह ने पांचू सिंह के पिता हरिहर सिंह और उनके चचेरे बड़े भाई बनारसी सिंह की हत्या कर दी। 10 जनवरी 1999 को वाराणसी पुलिस ने पांचू सिंह और उसके साथी बंसी सिंह का एनकाउंटर कर दिया।
बृजेश सिंह के कट्टर विरोधी गुट में हरिहर सिंह का नाम भी गिना जाता था। हरिहर सिंह के पांच लड़के थे, इंद्र प्रकाश सिंह उर्फ पांचू सिंह, सत्यदेव सिंह उर्फ सांचू सिंह, इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी और सिद्धार्थ नाथ सिंह उर्फ सीकेडी।
वाराणसी में बृजेश सिंह गुट पर काम करने वाले एक रिटायर्ड अधिकारी ने साफ बताया रंजिश की शुरूआत ब्रजेश सिंह के पिता के समय से हुई। जब ब्रजेश सिंह के पिता रविंद्र नाथ सिंह ने हरिहर सिंह और उसके बेटे पांचू सिंह की जमकर पिटाई कर दी थी उसके बाद में जब रविंद्र नाथ सिंह की हत्या हुई तो उसमें नाम हरिहर सिंह और पांचू सिंह का आया जिसके बाद आरोप लगा कि पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बृजेश सिंह ने हरिहर सिंह की हत्या कर दी थी।
कृष्णानंद राय की हत्या में भी आया था नाम
बीकेडी उर्फ इंद्रदेव सिंह की बात करें तो हरिहर सिंह के चार लड़कों में बीकेडी तीसरे नंबर पर है। पहले बेटे पांचू सिंह का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। उसके दो अन्य भाई सत्यदेव सिंह और सिद्धार्थ नाथ सिंह मुंबई की एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करते हैं। बीकेडी की शादी वाराणसी से सटे बिहार के बक्सर जिले में हुई है। बीकेडी की दो बेटियां हैं जो अपने चाचा के पास मुंबई में रहकर पढ़ाई कर रही हैं।
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दरअसल बीकेडी अपने बड़े भाई पांचू सिंह के एनकाउंटर में भी बृजेश सिंह को ही जिम्मेदार मानता है और इसीलिए बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी चर्चा थी कि बीकेडी भी इस हत्याकांड में शामिल था। बीकेडी पर मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है लेकिन बीकेडी को आज तक किसी पुलिस वाले ने नहीं देखा और ना ही पुलिस के पास बीकेडी की कोई सही तस्वीर है।
सेना में नौकरी कर चुका है बीकेटी
एसटीएफ की माने तो बीकेटी सेना मेें नौकरी कर चुका है। वह अत्याधुनिक हथियार चलाने में माहिर है। ऐसा बताया जाता है कि उसका ज्यादातर वक्त नेपाल में गुजरता है। वारदात को अंजाम देने के बाद वह नेपाल भाग जाता है। एसटीएफ की माने तो इस समय उसके गैंग में सबसे अधिक शार्प शूटर हैं। लेकिन वह किसी भी शूटर से मिलता नहीं है। उसके इशारे पर शूटर काम करते हैं।एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि बीकेटी की तलाश में टीमें काफी समय से लगी हैं।
बता दें कि वाराणसी सेंट्रल जेल में 14 साल तक रहने के बाद बृजेश सिंह अब जेल से रिहा हो चुका है। अपनी एमएलसी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह और विधायक भतीजे सुशील सिंह के साथ आम जीवन व्यतीत कर रहे हैं लेकिन आज भी बृजेश सिंह की निगाहें उस चेहरे को तलाशती रहती हैं जिसे सिर्फ वही पहचानता है, जिसे सिर्फ उसने ही देखा है। बृजेश सिंह की मुख्तार अंसारी से अदावत तो जगजाहिर है, लेकिन मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।
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राजनीतिक समीकरणों के चलते मुख्तार अंसारी का गैंग लगभग खत्म हो चुका है। मुन्ना बजरंगी, मोहम्मद मेराज, संजीव जीवा माहेश्वरी, राकेश पांडे जैसे तमाम वफादार या तो मारे गए या फिर सलाखों के पीछे हैं। वहीं बृजेश सिंह अपनी राजनीतिक पैठ के चलते आज मुख्तार अंसारी पर भारी है। ऐसे में बृजेश सिंह को अगर किसी से खतरा है तो वह सिर्फ बीकेडी उर्फ इंद्रदेव सिंह से, जिसे कोई नहीं पहचानता और कोई नहीं जानता। शायद इसीलिए बृजेश सिंह जब भी खुली हवा में बाहर आया तो उसकी निगाहें हमेशा चौकन्नी रहती हैं और उसके वफादारों की फौज सुरक्षा घेरे में लिए रहती हैं।