गोण्डा। पुलिस हिरासत में विद्युत संविदाकर्मी देव नरायन की मौत के मामले में एसपी ने रविवार को एक उपनिरीक्षक, एसओजी टीम के चार सिपाहियों समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित (Suspended) कर दिया है। घटना के वक्त मौजूद 10 पुलिसकर्मियों के भूमिका की जांच के लिए विवेचक को निर्देश दिए हैं।
एसपी ने जिन लोगों को निलंबित किया है, उनमें एसओजी के मुख्य आरक्षी राकेश सिंह, अरुण यादव आदित्य पाल, अमित पाठक, सर्विस लांस सेल में तैनात उपनिरीक्षक आलोक तथा नवाबगंज थाने में तैनात मिथिलेश, धर्मेंद्र और मनोज को निलंबित किया गया है। एसपी ने इन सभी की भूमिका के जांच के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि नवाबगंज थानाक्षेत्र में आठ सितम्बर की रात जैतपुर चौहानपुरवा निवासी झोलाछाप राजेश चौहान की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। परिवार की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्जकर जांच की। इसी मामले में पूछताछ के लिए माझाराठ के बिजली विभाग में संविदा पर तैनात कर्मी देव नरायन को 14 सितम्बर की दोपहर थाने में पूछताछ के लिए बुलाया। हिरासत में उसकी मौत हो गई थी। मृतक के पिता रामवचन यादव ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था। थाने में हंगामा भी किया था।
वहीं, पुलिस की बर्बरता की कहानी राजधानी तक पहुंचने के बाद शनिवार को सपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिजनों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद दिए जाने का भरोसा दिलाया था। उधर, दोषियों पुलिसकर्मियों के गिरफ्तारी के साथ-साथ पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच तथा दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने को लेकर पीड़ित परिजन लगातार डीएम एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। अधिकारियों द्वारा परिजनों को पूरा आश्वासन दिया जा रहा है कि देर लग सकती है पर न्याय जरूर मिलेगा।