• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

तुष्टीकरण किसी का नहीं सम्मान सबका, गोरक्षपीठ की परंपरा

Writer D by Writer D
04/10/2022
in उत्तर प्रदेश, गोरखपुर
0
Gorakshpeeth

Gorakshpeeth

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। आप कभी समय निकालकर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर का भृमण करें। आपको वहां की दीवारों पर जगह-जगह कुछ लाइनें लिखी हुई मिलेंगी। ये लाइनें गोरख वाणी की हैं। ये लाइनें नाथपंथ को मानने वाले योगियों के लिए गुरुमंत्र हैं। उनके जीवन के आचार-व्यवहार एवं संस्कार हैं। इन्हीं लाइनों में से एक है-

“हिंदू ध्यावे देहुरा, मुसलमान मसीत,
जोगी ध्यावे परम पद, जहां देहुरा न मसीत”।

इसका अर्थ है योगी मंदिर-मस्जिद का ध्यान नहीं करता। वह परमपद का ध्यान करता है। यह परमपद क्या है, कहां है? यह परमपद तुम्हारे भीतर है।

इन लाइनों को नाथपंथ का मुख्यालय माना जाने वाला गोरक्षपीठ (Gorakshpeeth) हर रूप में चरितार्थ करता है। रोजमर्रा के जीवन में ये आम है। विजयादशमी और मकरसंक्रांति के दिन से मंदिर परिसर में लगने वाले खिचड़ी मेले में तो इस परंपरा का जीवंत स्वरूप देखने को मिलता है। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) का बार- बार सार्वजनिक रूप से यह कहना कि तुष्टीकरण किसी का नहीं, सम्मान सबको, के पीछे भी यही भाव है।

Gorakshpeeth

कुछ उदाहरणों से इसको और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

दस साल पहले जब योगी की पहल पर मोदी की रैली के लिए आगे आया मुस्लिम समाज

फरवरी 2014 के अंतिम हफ्ते की बात है। उस साल 28 दिन की फरवरी में 18 दिन बारिश हुई थी। इतने खराब मौसम में भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की विजय संकल्प रैली गोरखपुर में होनी थी। तब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद एवं गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी थे। फर्टिलाइजर का मैदान इस बड़ी रैली के अनुकूल था और सुरक्षित भी। उस समय केंद्र में कांग्रेस एवं प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। योगी के प्रयास के बावजूद राजनीतिक वजहों से रैली के लिए वह मैदान नहीं मिल सका। उसी से सटे मानबेला में गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। समय कम था और सामने मौसम के साथ दो बड़ी चुनौतियां। पहली उस जमीन के आसपास के गांव मानबेला, फत्तेपुर और नौतन आदि अल्पसंख्यक बहुल आबादी के थे, दूसरा उस जमीन को रैली के लिए तैयार करना। यह जगह फर्टिलाजर कारखाने के पूरबी गेट के पास ही थी। योगी जी की यह चिंता जब उर्वरक नगर के पार्षद मनोज सिंह तक पहुंची। तब उन्होंने गांव के गणमान्य लोगों से बात की। उनकी पहल पर मानबेला के बरकत अली की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने योगी से मुलाकात की। उनको भरोसा दिलाया कि वह रैली की तैयारियों में हर संभव मदद करेंगे। साथ ही बढ़चढ़कर हिस्सा भी लेंगे। यही हुआ भी बाद में देश के बड़े अखबारों में यह खबर सुर्खियां बनीं।Gorakshpeeth

जब मुस्लिम व्यापारी पर गोली चलने के विरोध में गोलघर में धरने पर बैठ गए योगी

गोरखपुर के सबसे व्यस्ततम बाजार गोलघर में बदमाशों ने इस्माईल टेलर्स की दुकान पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर पूरे शहर को दहला दिया था। योगी उस समय किसी कार्यक्रम में थे, जैसे ही उन्हें सूचना मिली वह गोलघर पहुंच गए और खराब कानून व्यवस्था को लेकर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। लोगों को हैरानी हो रही थी कि हिन्दुत्व का पोस्टर बॉय कहे जाने वाले योगी एक मुस्लिम व्यापारी के समर्थन में सड़क पर कैसे बैठ सकते हैं? कुछ लोगों ने योगी से पूछा भी, जिस पर योगी ने कहा कि व्यापारी मेरे लिए सिर्फ व्यापारी है और मैं गोरखपुर को 1980 के उस बदनाम दौर की ओर हरगिज नहीं जाने दूंगा।

 

ये दो घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि तुष्टीकरण किसी का नहीं सम्मान सबका यह गोरक्षपीठ की परंपरा रही है।

Gorakshpeeth

विजयादशमी के दिन मंदिर परिसर से निकलने वाली शोभायात्रा का स्वागत करते हैं मुस्लिम समाज के लोग

विजयादशमी के दिन योगी आदित्यनाथ की अगुआई में मंदिर परिसर से मानसरोवर तक निकलने वाली शोभा यात्रा हर साल इसका जीवंत सबूत बनती है। यकीनन इस बार भी बनेगी। इस दिन गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुआई में गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा का मुस्लिम समाज द्वारा हर साल अभिनंदन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पुराने गोरखपुर के जिस इलाके में गोरखनाथ मंदिर है, वह पूरा क्षेत्र मुस्लिम बहुल है। जहिदबाद, रसूलपुर और हुमांयुपुर उन मोहल्लों के नाम हैं जिनसे मंदिर लगता है। बावजूद इसके शायद ही कभी स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति आई हो। उल्टे यही लोग अपनी समस्याओं के हल के लिए आये दिन मंदिर आते रहते हैं।

मंदिर के आन्तरिक प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भागीदारी

मंदिर के प्रबंधन से किशोरावस्था से जुड़े और अब करीब 75 साल के हो चुके द्वारिका तिवारी बताते हैं कि यहां भेदभाव की गुंजाइश ही नहीं है। मोहम्मद यासीन बताते हैं कि उनके ससुर जग्गन भी यहीं रहते थे। मंदिर में होने वाले हर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उनकी ही होती है। इन मोहल्लों के तमाम लोग मंदिर की रोजमर्रा की व्यवस्था में भी मदद करते हैं।

मकर संक्रांति से माह भर चलने वाले मेले में अधिकांश दुकानें मुस्लिम समाज की

मकर संक्रांति से शुरू होकर माह भर ‘चलने वाले खिचड़ी मेले में तमाम दुकानें अल्पसंख्यकों की ही होती हैं। गोरखनाथ मंदिर से जुड़े प्रकल्पों में भी जाति, पंथ और मजहब का कोई भेदभाव नहीं है। दरअसल, देश की प्रमुख धार्मिक पीठों में शुमार गोरक्षपीठ अपनी स्थापना के समय से ही जाति, पंथ मजहब से परे एक ऐसा केन्द्र रही है जिसके लिए सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता और लोक कल्याण सर्वोपरि रहा है। पूरी दुनियां में हर किसी के कल्याण लिए स्वीकार्य योग का मौजूदा स्वरूप पीठ के संस्थापक गुरु गोरक्षनाथ की ही देन है।

बात चाहे पीठ के आंतरिक प्रबंधन की हो, या फिर जन सरोकारों की।
विरोध किसी जाति, पंथ मजहब से नहीं,राष्ट्रविरोधियों से: योगी

उल्लेखनीय है कि पीठ की तीन पीढ़ियों ने लगातार समाज को जोड़ने और जाति, धर्म से परे असहाय को संरक्षण देने का काम किया है। अपने समय में योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु दिग्विजयनाथ उन सभी रूढ़ियों के विरोधी थे, जो धर्म के नाम पर समाज को तोड़ने का कार्य कर रही थी।

श्रद्धालुओं ने लगाया गोरक्षपीठाधीश्वर को तिलक, लिया आशीर्वाद

रही बात योगीजी के गुरु ब्रह्मालीन महंत अवेद्यनाथ की तो उनकी तो पूरी उम्र ही समाज को जोड़ने में गुजर गई। उनके शिष्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने गुरु की ही परंपरा का अनुसरण करते हैं। न जाने कितनी बार सार्वजनिक रूप से उन्होंने कहा कि वे किसी जाति, पंथ या मजहब के विरोधी नहीं हैं बल्कि उनका विरोध उन लोगों से है जो राष्ट्र के विरोधी हैं।

Tags: cm yogigorakhpur newsGorakshpeeth
Previous Post

श्रद्धालुओं ने लगाया गोरक्षपीठाधीश्वर को तिलक, लिया आशीर्वाद

Next Post

तारीख दर तारीख नहीं, अब एक माह से कम समय में न्याय

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Yogi Adityanath established the Kalash
उत्तर प्रदेश

गोरक्षपीठ में शारदीय नवरात्र के विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ

22/09/2025
Sujata Kushwaha
उत्तर प्रदेश

कुपोषण से सुपोषण की ओर बदलाव की मिसाल बनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता कुशवाहा

22/09/2025
Gas leak inside West Crop Company in Amroha
Main Slider

वेस्ट क्रॉप कंपनी के अंदर गैस रिसाव, यूपी का ये शहर हुआ धुआं-धुआं

22/09/2025
CAG Report
Main Slider

सीएजी रिपोर्ट ने की पुष्टिः ‘बीमारू’ नहीं अब ‘बेमिसाल’ है यूपी

22/09/2025
Ramlila
उत्तर प्रदेश

अयोध्या में 120 फीट के मंच पर थ्रीडी तकनीक के साथ शुरू हुई भव्य रामलीला

22/09/2025
Next Post
Case

तारीख दर तारीख नहीं, अब एक माह से कम समय में न्याय

यह भी पढ़ें

J&K High Court

यूपी के इस सरकारी विभाग में निकली बंपर भर्तियां, फटाफट यहां करें आवेदन

20/05/2022

अखिलेश राज में सड़कें इतनी खराब थीं कि साइकिल भी चलना मुश्किल थी : मौर्य

03/10/2021

तमिलनाडु में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7.56 के पार, 7.27 लाख मरीज रोगमुक्त

14/11/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version