• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

EWS आरक्षण पर SC की मुहर, केंद्र सरकार की बड़ी जीत

Writer D by Writer D
07/11/2022
in Main Slider, नई दिल्ली, राष्ट्रीय
0
Supreme Court

Supreme Court

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण (EWS Reservation) के प्रावधान को बरकरार रखा है। 5 जजों की बेंच में से 3 जजों ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 को सही माना है। सुप्रीम कोर्ट में इसे मोदी सरकार की बड़ी जीत मानी जा रही है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण (EWS Reservation) का प्रावधान किया था। आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 5 जजों की बेंच में 3 जजों जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने EWS आरक्षण के समर्थन में फैसला सुनाया। जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने EWS आरक्षण पर अपनी असहमति जताई है।

तीन जजों ने समर्थन में सुनाया फैसला

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने EWS आरक्षण के फैसले को सही ठहराया। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने अपनी राय सुनाते हुए कहा कि सवाल बड़ा ये था कि क्या EWS आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। क्या इससे SC /ST/ ObC को बाहर रखना मूल भावना के खिलाफ है।

‘महाठग’ का एक और लेटर बम, सत्येंद्र जैन पर लगाएं गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि EWS कोटा संविधान का उल्लंघन नही करता। EWS आरक्षण सही है। ये संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता। ये भारत के संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा, मैंने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की राय पर सहमति जताई है। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि आरक्षण कोई अंतिम सीमारेखा नहीं है। ये तो शुरुआत है सबको समान बनाने की।

Tags: central governmentdelhi newsews reservationModi governmentNational newsSupreme Court
Previous Post

महिला प्रदर्शनकारियों पर पुरुष सिपाहियों ने चलाई ताबड़तोड़ लाठियां

Next Post

बुर्ज खलीफा के पास 35 मंजिला इमारत में लगी आग

Writer D

Writer D

Related Posts

Hair Oil
Main Slider

बालों में न लगाए ये तेल, उड़ा देंगे सिर के हेयर

08/11/2025
Bleach
Main Slider

फेस पर ब्लीच लगाने के बाद होती हैं जलन, तो ट्राई करें ये हैक्स

08/11/2025
Anand Bardhan
राजनीति

मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड रजत जयंती समारोह के दौरान होने वाले मुख्य कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया

07/11/2025
Savin Bansal
राष्ट्रीय

पीएम की ड्यूटी में भूल-चूक के लिए कोई स्थान नही, डीएम ने दिये सख्त निर्देश

07/11/2025
CM Vishnu Dev Sai
राजनीति

‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति की सबसे प्रबल प्रेरणा : मुख्यमंत्री

07/11/2025
Next Post
fire

बुर्ज खलीफा के पास 35 मंजिला इमारत में लगी आग

यह भी पढ़ें

CM Vishnudev Sai

मुख्यमंत्री साय ने किया आठ करोड़ से अधिक लागत से बने पाँच कन्या छात्रावासों का शुभारंभ

03/08/2024
Three thugs were arrested and sent to jail

गर्भवती युवती की हत्या के मामले में दो गिरफ्तार

30/05/2023
PM Poshan Yojana

पीएम पोषण योजना के तहत 2024-25 में अब तक प्रदेश में करीब 80 प्रतिशत धनराशि का हुआ व्यय

15/10/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version