लखनऊ। असलहों व जमीन के फर्जीवाड़े के दो मामलों में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से राहत नहीं मिल सकी है।
उच्च न्यायालय ने दोनो मामलों में आरोपी अब्बास की ओर से अलग-अलग दाखिल जमानत अर्जियों पर राज्य सरकार को उसके अपराधिक इतिहास के साथ जवाब पेश करने को चार हफ्ते का समय दिया है। अदालत ने साथ ही अर्जियों को तीन अप्रैल से शुरु होने वाले हफ्ते में सूचीबद्ध करने का आदेश भी दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने मंगलवार को अब्बास (Abbas Ansari) की दो जमानत अर्जियों पर दिया है । इनमें उसने जमानत पर रिहा किए जाने का आग्रह किया था। अर्जियों का विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आरोपी ने अपने खिलाफ नौ मुकदमे होने के आपराधिक इतिहास का कोई स्पष्टीकरण नहीँ दिया है। ऐसे में उसके पूरे आपराधिक ब्योरे के साथ जवाबी हलफ़नामा पेश करने को समय दिया जाय।
अभियोजन का कहना था कि अब्बास ने खुद को नेशनल शूटर बताकर प्रतिबंधित 10 असलहे लिए जबकि आम तौर पर एक ही शस्त्र लिया जा सकता था। इस तरह उसने शूटर के नाम पर असलहे लेने में फर्जी वाड़ा किया। इस केस की तफ्तीश एसटीएफ कर रही है।
दूसरा मामला लखनऊ के जियामऊ में एक महिला से जमीन की वसीयत कराकर उसपर मकान बनाने का है। सरकारी वकील का कहना था कि इस मामले में भी आरोपी ने फर्जीवाड़ा किया।