मेरठ। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि देश में 16 लाख करोड़ रुपए पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर खर्च होता है। मैं 2004 से कह रहा हूं कि हमारे देश का किसान अन्नदाता है, अब ऊर्जादाता बनेगा। आने वाले पांच सालों में अन्नदाता, ऊर्जादाता के साथ ही किसान डामरदाता भी बनेगा। केवल चावल और गन्ना लगाकर किसानों की जिंदगी बदल नहीं सकती। किसानों की जिंदगी एथेनॉल से बदलेगी। खेती और पशुपालन की लागत कम करके किसान समृद्ध और संपन्न बनेगा।
मुजफ्फरनगर के नुमाइश मैदान में आयोजित दो दिवसीय पशु प्रदर्शनी और कृषि मेले का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने किसानों को अपनी तकदीर बदलने के लिए तकनीक का सहारा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में दस हजार किसानों ने आत्महत्या की, लेकिन मैं किसानों को आत्महत्या से रोकने लिए काम कर रहा हूं। गन्ने से चीनी के उत्पादन की बजाय बाइ प्रोडक्ट तैयार करना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार कार्य कर रही है। देश में किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महात्मा गांधी कहते थे कि हमारा देश गांव में बसता है। उस समय 80 प्रतिशत लोग गांवों में रहते थे। आज देश के किसानों की हालत ऐसी है कि गांवों में 60 प्रतिशत आबादी बसती है। 40 प्रतिशत लोग शहरों में बसते हैं। गांव छोड़कर शहर की ओर कोई खुशी से नहीं गया है, बल्कि मजबूरी से गया है। गांव में फसल का सही दाम मिल मिलना, बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी के कारण किसान शहर में चला गया। हमारे यहां कपास सस्ता था, कपड़ा महंगा था। गेहूं सस्ता था, ब्रेड-बिस्कुट महंगे थे। टमाटर सस्ता था, जूस महंगा था। किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिला। कुछ बातों को किसानों को समझने की आवश्यकता है। आज गन्ना उत्पादक किसान इसलिए हंस रहे हैं कि चीनी मिलें विदेश से लाकर पैसा दे पा रही है। ब्राजील में सूखा पड़ने के कारण चीनी महंगी है और भारत में चीनी सस्ती है। भारत 280 लाख टन चीनी उपयोग होती है और उत्पादन 360 लाख टन होता है। भारत सरकार ने चीनी निर्यात के लिए प्रोत्साहन दिया। इसी कारण किसानों को पैसा मिल पाया।
पांच लाख करोड़ की बनेगी एथेनॉल इकोनॉमी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने किसानों से खरी बात कहते हुए कहा कि अब चावल, गन्ने को बेचने की बजाय उनसे एथेनॉल तैयार करो। इससे किसान समृद्ध और संपन्न बनेगा। पराली से डामर और बायो एथेनॉल तैयार किया जा रहा है। मक्के, चावल, बांस से भी एथेनॉल तैयार होता है। पराली से एक लाख टन बायो एथेनॉल तैयार किया गया है। एथेनॉल की इकॉनोमी पांच लाख करोड़ रुपए की बनानी है। ऐसा तभी संभव है, जब किसान एथेनॉल बनाने लगेगा। इससे किसान कर्जमुक्त हो जाएगा।
किसानों को दी गन्ना राजनीति से बाहर निकलने की सलाह
केंद्रीय मंत्री (Nitin Gadkari) ने कहा कि खर्च कम करके फसलों का उत्पादन बढ़ाना होगा। ड्रोन के जरिए यूरिया डालने से लागत आधी हो जाएगी। किसानों से कहा कि गन्ने का दाम बढ़ाने की राजनीति से बाहर निकलो। गन्ने का भाव बढ़ाने की परिपाटी चल रही है। चीनी बनाना घाटे का सौदा है। कीटनाशकों के भाव बढ़ रहे हैं। मांग और आपूर्ति के आंकड़ों पर गौर करके गन्ने के बाई प्रोडक्ट तैयार किए जाए तो गन्ने की खेती हिट होगी। इससे किसानों का भी कल्याण होगा और विदेशी मुद्रा बचेगी। किसानों को जल संरक्षण पर भी काम करना होगा। गेहूं-चावल बेचकर भविष्य बदलने में कठिनाई है, बिटुमिन बेचने से किसानों की तकदीर बदल जाएगी। ट्रैक्टर सीएनजी से चलाकर किसान बचत कर सकते हैं।
बेसहारा गोवंश की समस्या का हल बताया
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने किसानों के लिए समस्या बने बेसहारा गोवंश से निजात के भी उपाय बताए। उन्होंने कहा कि टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से स्वदेशी नस्ल की अधिक दूध देने वाली गाय तैयार की जा रही है। इसके लिए प्रत्येक जिले में गायों के लिए सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल शुरू होगा। पशुधन का विकास होने से किसानों का भाग्य बदल जाएगा। पशु पालने का खर्च बढ़ने से भी किसानों को निजात मिलेगी। गाय, गरीब, मजदूर, किसान का कल्याण करना ही सरकार का कर्तव्य है। किसान के बेटों को रोजगार मिलने पर ही असली भारत बनेगा। मुजफ्फरनगर गन्ना उत्पादक किसानों की राजधानी है।
ईमानदारी से काम करने वाले नेताओं की कमी
केंद्रीय मंत्री (Nitin Gadkari) ने कहा कि देश में पैसे की कमी नहीं है, बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले नेताओं की कमी है। गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करना हमारा कार्य है। इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि यह केंद्र सरकार का पहला पशु मेला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से मुजफ्फरनगर को कई हाईवे मिले।
प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सड़कों का जाल बिछाकर कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ा गया है। गुजरात से अरुणाचल प्रदेश को सड़कों के जरिए जोड़ा है। आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने सड़कों का निर्माण किया है। भारत के कोने-कोने में विश्व स्तर की सड़कें बन रही हैं।
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मुजफ्फरनगर जनपद के विकास के लिए लोक निर्माण विभाग पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। हम सभी मिलकर जनपद का विकास करेंगे। नए रास्ते बिछाए जाएंगे। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह, प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद सतीश गौतम आदि उपस्थित रहे।