उदयपुर। करीब तीन साल पहले शहर के अंबामाता थाना क्षेत्र में आठ साल के मासूम से कुकर्म के चर्चित मामले में शुक्रवार को पॉक्सो अदालत ने फैसला सुनाया, जिसमें आरोपित योगेश कुमार को दोषी ठहराते हुए बीस साल की कड़ी कैद (Imprisonment) के साथ 30 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। सजा का एलान होते ही दोषी के माता-पिता अदालत में रोने लगे।
अभियोजन सूत्रों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान अगस्त 2020 की इस घटना को लेकर पीड़ित के पिता ने अंबामाता थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें महाराज की खेड़ी-डबोक मूल के अंबामाता में रहने वाले योगेश पुत्र मगनलाल लक्षकार पर आरोप लगाया कि वह मासूम को मोबाइल पर गेम के बहाने अपने कमरे में ले जाता तथा उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करता।
यह सिलसिला कई सप्ताह से चल रहा था। जब बच्चे को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत हुई तो परिजनों ने उससे इस संबंध में पूछा तो इसका खुलासा हुआ। परिजनों ने 8 अगस्त 2020 को इस संबंध में अंबामाता थाने में मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने जांच कर आरोपित को गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश किया गया। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह व अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
विशेष न्यायालय लैंगिक अपराध के न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार सनाढ्य ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपित योगेश को 20 साल के कारावास (Imprisonment) की सजा सुनाई। साथ ही, प्रतिकर के रूप में पीड़ित पक्ष को दो लाख रुपये की प्रतिकर राशि देने का भी आदेश दिया।