हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने सरकार से बाढ़ राहत कार्यों में तेजी लाने और प्रभारी मंत्रियों को जिलों में कैंप करने के निर्देश देने की मांग की है।
जनपद के लक्सर, खानपुर, रुड़की आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे हरीश रावत (Harish Rawat) ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बाढ़ से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों के पास खाने पीने के लिए कुछ नहीं बचा है। पशुओं को चारा तक नहीं मिल रहा है। धान, गन्ने, सब्जियों की फसलें चौपट हो गयी है। घरों, दुकानों में पानी घुसने से लाखों रुपये का सामन नष्ट हो गया है।
लोगों को पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल पा रहा है। जलभराव की वजह से डेंगू का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। ऐसे में सरकार को राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी कराना चाहिए। जलभराव में चूहे, सांप, पशुओं आदि के मरने से संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
हरीश (Harish Rawat) ने बाढ़ को मैन मेड आपदा बताते हुए कहा कि तटबंधों की मरम्मत नहीं किए जाने की वजह से बाढ़ के हालात बने हैं। जिला प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द से रिपोर्ट शासन को प्रेषित करे, जिससे प्रभावितों को मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रभावितों किसानों व आम लोगों को अधिक से अधिक मदद दी जाए। जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में पंप के माध्यम से तेजी से पानी निकाला जाए। जिससे हालात जल्दी सामान्य हो सकें।
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उन्होंने आपदा के दौरान प्रभारी मंत्रियों की गैरहाजिरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को इस समय इसकी बेहद आवश्यकता है। सरकार प्रभारी मंत्रियों को जिलों प्रवास कर तेजी से राहत कार्य कराने के निर्देश दे। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बाढ़ प्रभावितों की समस्या को उनके समक्ष रखेंगे।
इस दौरान पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व एमएलसी रामयश सिंह, मुरली मनोहर, राजीव चौधरी, राव आफाक अली, अमन गर्ग, नितिन तेश्वर, शौकत, विकास चंद्रा, राजबीर सिंह चौहान आदि सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।