जल्द ही पितृपक्ष (Pitru Paksha) शुरू होने वाला है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए कार्य किए जाते हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज अपने परिवार के मिलने धरती पर आते हैं। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष रहते हैं। इस साल 29 सितंबर 2023 से पितृपक्ष (Pitru Paksha) की शुरुआत हो रही है। पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। इस समय पूरे श्रद्धा-भाव के साथ अपने पितरों को याद करना चाहिए। आइए, जानें पितृपक्ष की सही तिथि और तर्पण का समय।
पितृ पक्ष (Pitru Paksha) सही तिथि
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 सितंबर दोपहर 03.26 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि 30 सितंबर को 12.21 तक रहेगी। पितृपक्ष (Pitru Paksha) में पूर्वजों का श्राद्ध दोपहर में ही किया जाता है। ऐसे में 29 सितंबर को प्रतिपदा तिथि मान्य होगी। पूर्णिमा का श्राद्ध पितृ पक्ष के आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
श्राद्ध-तर्पण का सही समय
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, सुबह और शाम के समय देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। दोपहर के समय पितरों का समर्पित कार्य किए जाते हैं। पितृ पक्ष में दोपहर के समय ही धूप-ध्यान करना चाहिए। इस दौरान कौवे, चींटी, गाय, देव, कुत्ते को पंचबलि भोग देना चाहिए। साथ ही ब्राह्मण भोजन भी करवाना चाहिए। श्राद्ध संपन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त कुतुप और रौहिण माने जाते हैं।